नये कानून और मानव दुर्व्यापार विषय पर सागर पुलिस कंट्रोल रूम में एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

दुर्व्यापार जैसे गंभीर अपराध को रोकने के लिए नए कानून को समझना जरूरी: एडिशनल एसपी सिन्हा

अब दण्ड देने के लिए नहीं, न्याय दिलाने के लिए किये गए हैं कानून में बदलाव: शिखा छिब्बर

नये कानून और मानव दुर्व्यापार विषय पर आवाज और महिला सुरक्षा शाखा म.प्र. के संयुक्त तत्त्वावधान में एकदिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

सागर। मानव दुर्व्यापार के बारे में सभी को जागरूक होना चाहिए विशेषकर पुलिस को। इसी उद्देश्य से “नये कानून और मानव दुर्व्यापार” विषय पर आवाज संस्था एवं महिला सुरक्षा शाखा,म.प्र. के संयुक्त तत्वावधान में पुलिस अधीक्षक सागर विकास कुमार शाहवाल के निर्देशन में एक दिवसीय प्रशिक्षण पुलिस कंट्रोल रूम, सागर में आयोजित किया नए कानूनों में बदलाव के बाद इन्हें समझना बहुत जरूरी हो गया है, उक्त बात आज सागर में “नये कानून और मानव दुर्व्यापार” विषय पर आवाज संस्था एवं महिला सुरक्षा शाखा,म.प्र. के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रशिक्षण में लोकेश कुमार सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सागर ने एक दिवसीय प्रशिक्षण के अवसर पर कही| उन्होंने कहा कि आवाज और महिला सुरक्षा शाखा द्वारा किया जा रहा यह प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है हालांकि यह प्रशिक्षण पहले भी हुआ है लेकिन कानून को समझने में समय लगता है। उप-पुलिस अधीक्षक श्री अजय सनकत ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। प्रशिक्षण विकास कुमार शाहवाल, पुलिस अधीक्षक, सागर के मार्गदर्शन में किया गया।

आवाज के राज्य समन्वयक विजय बघेल ने बताया कि आवाज बाल संरक्षण और मानव दुर्व्यापार विषय पर मध्यप्रदेश के 6 जिलों में काम कर रहा है लेकिन सागर एक संवेदनशील जिला है क्योंकि बुंदेलखंड क्षेत्र में बालिकाओं का लिंगानुपात बहुत कम है यहां बाल विवाह या बेमेल विवाह के लिए बाहर से बच्चियों को लाया जाता है। यहां से कई राज्यों के बच्चे रेस्क्यू किए गए हैं इसलिए यहां अतिरिक्त सावधानी रखने की जरुरत है|

इस मौके पर प्रशिक्षक की भूमिका निभा रही भोपाल की सुश्री शिखा छिब्बर ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं और बच्चों को लेकर काफी बदलाव हुए हैं जिन्हे समझने और सही से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने मानव दुर्व्यापार को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों और नए प्रावधानों का भी जिक्र किया। नए कानून में जो नए प्रावधान जुड़े हैं, बदलाव हुए हैं और कुछ प्रावधानों को हटाया गया है, के बारे में भी विस्तार से प्रशिक्षण में बताया गया|

सागर में आवाज की जिला समन्वयक सुश्री मालती पटेल ने बताया कि सागर एक संवेदनशील जिला है क्योंकि यह एक डेस्टिनेशन जिला है जहां बच्चों और बच्चियों को बाहर से लाकर यहां छोड़ा जाता है जो एक संवेदनशील फैक्टर के रूप में काम करता है। सागर के बीना विकासखंड में स्थित रेलवे स्टेशन ट्रैफिकिंग के लिए एक ट्रांजिट के रूप में भी काम करता है जहां से रोज़ाना कई बच्चे अलग अलग राज्यों और देश के अलग अलग हिस्सों में जाते हैं।

प्रशिक्षण में जिले के समस्त थानो के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई, महिला सुरक्षा शाखा के अधिकारी सहित कुल 55 अधिकारी पदाधिकारी शामिल रहे जिनके साथ प्रशिक्षण किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश कुमार सिन्हा व उप-पुलिस अधीक्षक अजय सनकत प्रशिक्षण के मुख्य अथितियों के रूप में शामिल रहे। आवाज टीम की ओर से ब्लॉक समन्वयक महेश अहिरवार, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अभिषेक बंसल शामिल हुए। इसके साथ ही प्रतिभागियों द्वारा नए कानूनों के प्रावधानों को शामिल करते हुए रोचक तरीके से नाटक भी किया गया।

आवाज की जिला समन्वयक मालती पटेल द्वारा प्रशिक्षण के अंत में सभी का आभार प्रदर्शन किया गया।

चैनल हेड गजेंन्द्र ठाकुर- 9302303212(वट्सअप)

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