ग्राम जेरई में शिव महापुराण में आये श्रद्धालुओं का मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किया अभिनंदन

ग्राम जेरई में शिव महापुराण में आये श्रद्धालुओं का मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किया अभिनंदन

सागर। ग्राम जेरई में हो रही शिव महापुराण के आठवें दिन महंत विपिन विहारी दास ने माता पार्वती के विदाई का वर्णन करते हुए कहा कि बेटी की विदाई में सभी रिश्तेदार होते हैं लेकिन पिता नहीं होता क्योंकि पूरे परिवार की चिंता पिता करता है और पिता की चिंता बेटियां करती हैं। बेटी और पिता का संबंध सबसे ज्यादा घनिष्ठ होता है। बेटी के हाथ पीले करते ही माता पिता को बैकुंठ जैसा सुख मिलता है। महंत विपिन विहारी ने शिव महापुराण का वर्णन करते हुए कहा कि शिव का सृष्टि में हर कार्य जन कल्याण के लिए है श्रावण मास में शिव महापुराण का श्रवण करना अश्वमेद्य यज्ञ के पुण्य के बराबर होता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजा विधियां हैं लेकिन भोले भाव के भूखे हैं। भाव से शिव जी की आराधना करो तो शिव जी प्रसन्न हो जाते है। शिव महापुराण के आठवें दिन विपिन विहारी दास जी ने पिता एवं पुत्री के अनोखे आत्मीय संबंध को लेकर पूरा वृतांत सुनाया। किस तरह माता मैना विदाई के समय दुखी हुई और पार्वती के पिता हिमांचल विदाई के समय दुखी हुये। विपिन विहारी ने कथा में कहा कि व्यक्ति को कर्म-यज्ञ से शुरुआत करनी चाहिए, उसके बाद धीरे-धीरे तपो-यज्ञ, फिर स्वाध्याय, फिर नियमित ध्यान, अंततः ज्ञान-यज्ञ और योग के माध्यम से अपने भीतर के शिव के साथ अंतरंग मिलन प्राप्त करना चाहिए। यह ग्रंथ वेदों के किताबी ज्ञान के बजाय भक्ति और योग पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि का सुस्थिर रहना उसका पालन है, उसका विनाश की संघार है, प्राणों के उत्क्रम को त्रोभाव कहते हैं। इन सबसे छुटकारा मिला जाना ही शिव का अनुग्रह अर्थात मोक्ष है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कथा श्रवण करने आये सभी श्रद्धालुओं का वंदन अभिनंदन किया। व्यास पीठ पर विराजमान कथा वाचक महंत विपिन विहारी को फूल माला पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया। आरती के अवसर पर कथा के मुख्य यजमान संगीता रंजीत सिंह राजपूत, पूर्व जनपद अध्यक्ष गुलाब सिंह राजपूत जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत, वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह मोकलपुर, भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया, आकाश सिंह राजपूत, मूरत सिंह राजपूत, आदित्य सिंह राजपूत, सुधीर गुरहा, जगन्नाथ गुरैया, राघव सिंह कुसुमगढ़, गोविंद सिंह बटयावदा, अनिल पीपरा सहित जिला पंचायत सदस्य जनप्रतिनिधियों सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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