बालिका के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

बालिका के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर । बालिका के साथ छेड़छाड़ करने वाले अभियुक्त द्वारका यादव को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा- 354 के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, तथा पाक्सो एक्ट की धारा-7/8 के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड, तथा एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा-3(1)(डब्ल्यू)(आई) व धारा- 3(2)(व्ही-ए) के तहत तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच-पॉच सौ रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि वह दिनांक 04.09.2019 की शाम करीब 6.30 बजे अपने घर से दूध लेने गई थी जब वह दूध लेकर आ रही थी तभी रास्ते में अभियुक्त द्वारका ने बुरी नियत से उसका हाथ पकडा और गंदी-गंदी गाली दे रहा था फिर वह किसी लडके की मोटरसाइकिल पर बैठकर चला गया। अभियुक्त पहले भी उसे देखकर अश्लील गाने गाता था और अभियुक्त बुरी नियत से उसे घूरता था। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-गोपालगंज द्वारा धारा-354, 354क, 294 भा.दं.सं., एस.सी/एस.टी एक्ट की धारा- 3(1)(डब्ल्यू), 3(2)(व्ही-ए) तथा धारा-7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।

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