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नाबालिग बालिका के साथ दुष्कृत्य़ करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

नाबालिग बालिका के साथ दुष्कृत्य़ करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड सागर । नाबालिग बालिका के साथ ...

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नाबालिग बालिका के साथ दुष्कृत्य़ करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड

सागर । नाबालिग बालिका के साथ दुष्कृत्य करने वाले अभियुक्त को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एम) सहपठित धारा 6 एवं 5(एन) सहपठित धारा 6 के तहत दोनों धाराओं में 20-20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच-पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। न्यायालय द्वारा बालिका को क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 4,00,000/- (चार लाख रूपये) दिये जाने का आदेश दिया गया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री मनोज पटैल ने की ।

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घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की मॉ ने दिनांक 19.03.22 को पुलिस थाना मकरोनिया में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 18.03.2022 को उसके घर में कार्यक्रम था तभी आरोपी उसके घर गुलाल लगाने शाम को आया था, पीड़िता के पिता एवं आरोपी घर के दरवाजे पर बैठकर बातचीत कर रहे थे तभी पीड़िता उसके पास रोते हुये आई तो उसने रोने का कारण पूछा तो उसने बताया कि जब पीड़िता के पिता और आरोपी बात कर रहे थे तो आरोपी ने उसके साथ छेडछाड़ कर गंदी हरकत की । उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मकरोनिया द्वारा धारा-376(2)(एन), 376(2)(एफ), 376(एबी), 342 भा.दं.सं., तथा धारा- 5(एम)/6, 5(एन)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवम नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।

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