काँग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर किया गया यह प्रस्ताव पारित

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज आस्था और विश्वास का सम्मान किया है। उन्होंने बताया कि आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई और उसमें अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया।

कांग्रेस कार्यसमिति का बयान

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करती है। हम सभी संबंधित पक्षों व सभी समुदायों से निवेदन करते हैं कि भारत के संविधान में स्थापित ‘‘सर्वधर्म सम्भाव:’’ तथा भाईचारे के उच्च मूल्यों को निभाते हुए अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें, हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि हम सब देश की सदियों पुरानी परस्पर सम्मान और एकता की संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखें।

एक प्रश्न पर कि क्या कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राम मंदिर निर्माण के निर्णय के पक्ष में है, श्री सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ चुका है, स्वभाविक तौर से आपके सवाल का जवाब हाँ में है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण की पक्षधर है।,एक अन्य प्रश्न पर कि राम मंदिर निर्माण को लेकर जो फैसला आया है उसके लिए कांग्रेस को भी श्रेय मिलना चाहिए, श्री सुरजेवाला ने कहा कि वर्षों बाद माननीय उच्चतम न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय ने इस पूरे मामले का पट्टाक्षेप आज अदालत के निर्णय से कर दिया है। हमारा मानना है कि ये विषय किसी व्यक्ति विशेष, समूह या दल को श्रेय देने का है ही नहीं। जैसा मैंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने आस्था और विश्वास का सम्मान किया है। सर्वोच्च अदालत के आज के फैसले से राम मंदिर के निर्माण के द्वार तो खुल ही गए, बल्कि इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी और अन्य लोगों के सत्ता के भोग के लिए देश की आस्था के साथ राजनीति करने के द्वार भी हमेशा के लिए बंद हो गए। याद रहे कि भगवान राम वचन की मर्यादा के लिए त्याग का प्रतीक हैं, सत्ता के भोग का नहीं।

उन्होंने कहा कि भगवान राम तो वचन की मर्यादा के लिए त्याग का प्रतीक हैं, सत्ता के भोग का नहीं। राम सदाचार हैं, राम सर्वधर्म सम्भाव हैं, राम त्याग हैं, राम करुणा हैं, राम प्रेम हैं, राम भाईचारा हैं। भगवान श्री राम का नाम कभी बांटने के लिए इस्तेमाल हो ही नहीं सकता और जो कोई ऐसा करने का दुस्साहस करेगा, वो भगवान श्री राम द्वार स्थापित मर्यादाओं और परम्पराओं को जानता व समझता ही नहीं।

एक अन्य प्रश्न पर कि ट्रस्ट बनाने की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार को दी गई है, आपको लगता है कि सुप्रीम कोर्ट खुद ट्रस्ट बना देता ताकि इस पर राजनीति न हो पाती, क्या कहेंगे, श्री सुरजेवाला ने कहा कि इसके कई पहलू हो सकते हैं और जो कानूनविद्ध हैं, वो अपने तरीके से चर्चा करेंगे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का केवल ये मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय कर दिया है। अब सब पक्षों को, सब समुदायों को, सब व्यक्तियों को उसका सम्मान करना चाहिए और मैं ये भी याद दिलाऊँ कि यह सारी जमीन साल 1993 में कांग्रेस की सरकार के द्वारा “अयोध्या एक्ट” के माध्यम से एक्वायर की गई थी।

एक अन्य प्रश्न पर कि 2010 में जब केन्द्र में आपकी सरकार थी, तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दिया था, और अब ये फैसला सुप्रीम कोर्ट से आया है, दोनों ही फैसलों को आपकी पार्टी कैसे देखती है, श्री सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लगातार व स्पष्ट मत रहा है कि जो अदालत जो निर्णय करे, उसे सभी स्वीकार करें। आज जो निर्णय अदालत का आया है, उस निर्णय का सभी पक्ष, सभी समुदाय, सभी व्यक्ति पूर्णतयः सम्मान करें और उसे मंजूर करें। उसमें कोई शक की गुंजाइश है ही नहीं।

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