सागर में बहुप्रतीक्षित बाईपास निर्माण की मांग को विधायक शैलेंद्र जैन ने सदन में उठाया मंत्री ने कहा जल्द बनेगा

सागर मै बाईपास निर्माण की बहुप्रतीक्षित मांग को विधायक शैलेंद्र जैन ने सदन में उठाया मंत्री ने बजट में शामिल करने का दिया आश्वासन
सागरमध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान लोक निर्माण विभाग कि अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए सागर में बहुप्रतीक्षित बाईपास मार्ग की मांग की उन्होंने कहा कि अभी हैवी ट्रैफिक को शहर से होकर गुजरना होता है जिससे अत्यधिक समस्या का सामना करना पड़ता है इसके अतिरिक्त उन्होंने धर्म श्री से प्रारंभ होकर भोपाल रोड के ओर जाने वाले निर्माणाधीन बाय पास को भी जिसके अंतर्गत 1 किमी सड़क का निर्माण हो चुका है एवं शेष सड़क निर्माण में अतिक्रमण है उसे हटाकर इस बाय पास का अविलंब निर्माण कराया जाए जिससे एक बड़ा ट्रैफिक इससे गुजर सकेगा और भारी यातयात से लोगो को निजात मिलेगी विभागीय मंत्री पंडित गोपाल भार्गव जी ने अपने संबोधन में आश्वस्त किया कि हम इसे अनुपूरक बजट में शामिल करेंगे इसके अतिरिक्त विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए अधोसंरचना के विकास के लिए, उनका तीव्र गति से विकास हो, यह बहुत आवश्‍यक है प्रदेश के विकास के मुख्‍य घटक सड़क,बिजली, पानी. इन तीन मुख्‍य विषयों पर जिनमें अधोसंरचना के विकास की बड़ी आवश्‍यकता होती है, वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में जहां पर इन अधोसंरचनाओं के निर्माण में 14 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, इस वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में 44 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान अनुमानित है. यह, इस बात को दर्शाता है कि हमारी सरकार अधोसंरचना के मामले में कितनी सजग है.सड़के किसी भी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण होती हैं, जो स्‍थान मानव शरीर में रक्‍त कोशिकाओं का है, वहीं स्‍थान किसी भी प्रदेश की अर्थव्‍यवस्‍था में सड़कों का है. सड़कों के महत्‍व को समझते हुए वर्ष 2020-21 में विषम परिस्थितियों के बावजूद भी, वित्‍तीय संकट के बावजूद भी, किसी भी काम पर वित्‍तीय संकट की छाया नहीं आने दी गई और लगभग 2500  नवीन सड़कों का निर्माण किया गया और 13 नवीन पुलों का निर्माण किया गया. वर्ष 2021-22 में 2800 किलोमीटर नवीन सड़कें बनाने और लगभग 2000 किलोमीटर सड़कों का नवीनीकरण करने का, हमारा लक्ष्‍य है. निश्चित रूप से इससे सड़कों का जाल बिछाने में हमें सहयोग प्राप्‍त होगा केंद्र सरकार में, रेलवे विभाग ने यह निर्णय किया कि देश भर के जितने भी रेलवे फाटक हैं, उन्‍हें शनै:-शनै: बंद करके सारे रेलवे फाटकों के ऊपर से आर.ओ.बी. (रेल ओवरब्रिज) बनाये जायेंगे. इसी तारतम्‍य में इस बजट में माननीय मंत्री जी ने 105 ब्रिज़ लिये हैं, जहां 1 लाख ट्रेंड व्‍हीकल यूनिट से ज्‍यादा का हमारा ट्रैफिक है, ऐसे 105 ब्रिजों को इस वर्ष लिया गया है, निश्चित रूप से इससे आवागमन में सुगमता आयेगी, ट्रैफिक जाम से बचेंगें और ईंधन की भी बचत होगी.
अभी चंबल का यहां जिक्र हो रहा था. चंबल एक्‍सप्रेस-वे, जिसे हमारी सरकार ने हमारे लाडले नेता, पूर्व प्रधानमंत्री, भारतरत्‍न श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी के नाम पर ”अटल प्रोग्रेस-वे” रखा गया है. यह लगभग 300 किलोमीटर लंबा प्रोग्रेस-वे होगा. जिसके माध्‍यम से दोनों ओर औद्योगिक ईकाइयां आ सकती हैं,औद्योगिक गतिविधियां हो सकती हैं, व्‍यावसायिक गतिविधियां हो सकती हैं, इसके माध्‍यम से चंबल क्षेत्र का बहुत विकास होने की संभावना है. श्‍योपुर, मुरैना, भिण्‍ड इन तमाम शहरों से होकर, यह प्रोग्रेस-वे राजस्‍थान और उत्‍तरप्रदेश की सीमा तक जायेगा.
एक विषय जो बहुत ही महत्‍वपूर्ण है, मध्‍यप्रदेश  वह राज्‍य है, जहां लगभग 8800 किलोमीटर राष्‍ट्रीय राजमार्ग आता है और इस वर्ष लगभग 4500 किलोमीटर नए राष्‍ट्रीय राजमार्ग को सैद्धांतिक रूप से, केंद्र सरकार से सहमति प्राप्‍त हो गई है. इनके रख-रखाव की जिम्‍मेदारी हमारे लोक निर्माण विभाग की है. लगभग 3800 किलोमीटर राष्‍ट्रीय राजमार्ग की सड़कों का संधारण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है. उसके बाद अन्‍य सड़कों के संधारण का कार्य एन.एच. और एन.एच.ए.आई. (National Highways Authority of India) द्वारा किया जा रहा है.
मध्‍यप्रदेश में लगभग साढ़े 22 हजार किलोमीटर सड़कें, हमारे जिलों की सड़कें हैं. जो मुख्‍य सड़कें हैं वह 22 हजार के ऊपर हैं, इनकी चौड़ाई अभी तक 3.75 मीटर होती थी, माननीय हमारे मंत्री महोदय ने इनके महत्‍व को समझते हुए उनकी चौड़ाई को 5.5 मीटर करने का निर्णय लिया है, निश्चित रूप से इससे आवागमन में सुविधा होग जो सेफ्टी आडिट होते हैं सड़क के निर्माण के समय, उन सेफ्टी आडिट का विशेष रूप से ख्‍याल रखा जाना चाहिये और उनकी जो शर्तें हैं, उनकी जो रिकमन्‍डेंशन्स हैं उन रिकमन्‍डेंशन्स का निश्चित रूप से पालन होना चाहिये
रोड एसेट मैनेजमेंट सिस्‍टम के तहत मध्‍यप्रदेश की जितनी भी सड़कें हैं,जितने भी हैं उन सड़कों, के, उन पुलों से गुजरने वाले वाहनों की संख्‍या, उनका निर्माण कब हुआ था, उनका रिनोवेशन कब होना चाहिये, इन तमाम विषयों को लेकर एक डाटा बेस तैयार किया गया है. अब हमें सड़कों के रख-रखाव के लिये,उनके संधारण के लिये, उनके मेंटेनेंस के लिये, उनके नवीनीकरण के लिये, उनकी मजबूतीकरण के लिये हमारे पास डाटा उपलब्‍ध रहता है. इससे निश्चित रूप से सड़कों के मेंटेनेंस इत्‍यादि के लिये एक बहुत अच्‍छा मैकेनिज्‍म माननीय मंत्री महोदय के प्रयासों से तैयार हो पाया है. , आमतौर पर यह शिकायत आती है कि बिटुमिन की क्‍वालिटी ठीक नहीं है, डामर की क्‍वालिटी ठीक नहीं है, इस विषय को मंत्री जी ने और हमारी सरकार ने गंभीरता से लिया है और बिटुमिन किस क्‍वालिटी का होना चाहिये और उसमें कोई मिलावट तो नहीं है, इन विषयों को लेकर 12 परीक्षण से गुजरने के बाद उस बिटुमिन को उपयोग करने की अनुमति दी जाती है, यह निश्चित रूप बहुत अच्‍छा चैक है.
अब मैं अपने क्षेत्र की बात कहकर अपनी बात समाप्‍त करूंगा. मैं लोक निर्माण विभाग के यशस्‍वी मत्री माननीय भार्गव जी को धन्‍यवाद देता हूं कि उन्‍होंने एक हमारी बहुप्रतीक्षित मांग एक सड़क बनाने की थी जो संजय ड्राइव से लेकर होकर कनैरादेव होते हुए मसानझिरी तक जाती है, उसकी लंबार लगभग 1.4 किलोमीटर थी वह 1 करोड़ 27 लाख रूपये सड़क स्‍वीकृत की है. उनका धन्यवाद करता हूं. सागर शहर में दो रेल्वे ओवर ब्रिज भी स्वीकृत किये हैं उसके लिये उनका धन्यवाद करता हूं. सागर में एक भी बायपास न होने के कारण सागर के अंदर जो भी बाहर का यातायात है. वह पूरा का पूरा शहर से होकर के जाता है. सागर में इस तरह के बायपास बनाने की नितांत आवश्यकता है. छोटे-छोटे शहरों में बायपास बन गये हैं, लेकिन हमारा संभागीय मुख्यालय होने के बावजूद भी बायपास नहीं है. मैं समझता हूं माननीय मंत्री जी इस ओर ध्यान देंगे. सागर में बायपास बनायेंगे. अभी फिलहाल के लिये 8-10 वर्ष पहले एक छोटा सा बायपास धर्मश्री से लेकर भोपाल रोड़ तक एक बायपास बनाया गया था उसमें एक किलोमीटर लंबी सड़क बन चुकी है लेकिन अतिक्रमण की वजह से वह सड़क आगे नहीं बढ़ पायी. मेरा आग्रह है कि उसका फिर से निरीक्षण कर लिया जाये उस सड़क को भोपाल रोड़ तक जोड़ दिया जाये. ताकि हमारे यहां पर एक छोटे से बायपास की आवश्यकता है, वह पूर्ण हो सके. मैंने जब बात रखी तो मंत्री जी नहीं थे. सागर में एक छोटा सा बायपास मिल जाये तो बहुत अच्छी बात है.

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