हरितालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाते हैं। इस व्रत को हरितालिका तीज या तीजा भी कहते हैं। हरतालिका तीज को बेहद कठिन व्रत माना जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है। इस साल हरतालिका तीज 21 अगस्त 2020 को है। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत रखकर महादेव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने और विधि-विधान से पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखद होता है। पति-पत्नी के बीच अनबन दूर होती है।
शुभ मुहूर्त
प्रातः काल मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 53 मिनट से सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक
अवधि- 2 घंटे 36 मिनट
हरितालिका तीज पूजा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक
पूजा विधि
हरितालिका तीज पर भी भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष काल में हरितालिका तीज की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है,शाम के समय सुहागिन महिलाएं साफ-सुथरे, सुंदर कपड़े पहनें और 16 श्रृंगार करें। उसके बाद गीली मिट्टी से भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा बनाएं। भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करके उनको वस्त्र अर्पित करें। मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढाएं। हरितालिका व्रत की कथा सुनें। पूरे विधि-विधान से भगवान की आरती उतारें फिर अगली सुबह स्नान करके मां पार्वती की पूजा करें। मां को सिंदूर अर्पित करके हल्वे का भोग लगाएं। इस विधि से पूजन करने के बाद अपना व्रत खोलें।
व्रत के नियम
हरतालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है।
हरतालिका तीज व्रत एक बार शुरू करने पर फिर इसे छोड़ा नहीं जाता है। हर साल इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करना चाहिए।
हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता हैंं जिसमें महिलाएं रात भर जाग कर भजन कीर्तन पूजन करती हैं