सागर। स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) के अंतर्गत RAWE कार्यक्रम के तहत आयोजित कृषि संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की।
कार्यक्रम में उपस्थित किसानों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि पूर्वकाल में कृषि उत्पादन पूर्णतः प्राकृतिक एवं शुद्ध होता था, जहाँ किसान मौसम व प्रकृति के संकेतों से ही फसल का सही समय समझ लेते थे, जबकि आज मिलावट के कारण न केवल कृषि उपज की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है बल्कि समाज का स्वास्थ्य भी संकट में है। जब तक मिलावट को समझकर उसे समाप्त नहीं किया जाएगा, तब तक जैविक, शुद्ध एवं स्वास्थ्यवर्धक कृषि संभव नहीं है, एवं इस अवसर पर सभी किसान भाइयों का सम्मान भी किया गया।
इस अवसर पर अतिथि के रूप में लक्ष्मी पटेल जी (सरपंच), सतीश चंद्र पांडे (प्राचार्य, पीएमसी शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बाररू), महिपाल सिंह तोमर , बृजेश पटेल जी (एग्रीकल्चर विभाग के शिक्षक), राम धाकड़, महेंद्र सारोठिया, कुलदीप दुबे एवं डॉ. उमेश मिश्रा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में किसानों एवं विद्यार्थियों की सामान्य किंतु उत्साहपूर्ण भागीदारी रही।

आयोजन को सफल बनाने वाले समस्त विद्यार्थियों, सहयोगी शिक्षकों एवं आयोजन समिति को हार्दिक बधाई एवं बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

