गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी वर्ष पर शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में हुई भाषण प्रतियोगिता
सागर। सिख पंथ के नवम् गुरु श्री तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में पं. दीनदयाल उपाध्याय, शासकीय कला एवं वाणिज्य (अग्रणी) महाविद्यालय, सागर में प्रबोधन कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। महाविद्यालय में त्रिदिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. सरोज गुप्ता के मार्गदर्शन में उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार आयोजित किया जा रहा है।
राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता मुखर्जी के संयोजन और डॉ. संदीप सबलोक के सहसंयोजन में आयोजित इस प्रतियोगिता का विषय “मानवता शांति एवं सह अस्तित्व के प्रतीक श्री गुरुतेग बहादुर” था। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. सरोज गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी विश्व इतिहास में धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धांतों के लिए अपना बलिदान देने वाले एक प्रभावशाली गुरु और ‘हिंद की चादर’ के रूप में प्रतिस्थापित हैं। उन्होंने बताया कि गुरु जी की शिक्षाओं ने खालसा पंथ की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
महाविद्यालय के सभागार में आयोजित इस भाषण प्रतियोगिता में 14 प्रतिभागियों ने भाग लेकर मानवता शांति एवं अस्तित्व के रूप में गुरु तेग बहादुर जी के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में लगभग सौ विद्यार्थी तथा स्टाफ के सदस्यों ने उपस्थित कर हिस्सा लिया।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. रंजना मिश्रा (हिन्दी विभाग) और डॉ. गोपा जैन (प्राणीशास्त्र विभाग) मंचासीन रहीं। निर्णायक मंडल में सुरेन्द्र यादव, डॉ. रवींद्र सिंह और डॉ. राखी गौर शामिल रहे। कार्यक्रम संयोजन में डॉ सुनील साहू व डॉ संजय दुबे, डॉ प्रकाश कुशवाहा डॉ वरुण राज यादव का भी सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अवधेश प्रताप सिंह ने और आभार प्रदर्शन इतिहास विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेणु सोलंकी ने किया।
प्रबोधन कार्यक्रम की शृंखला में इससे पूर्व 4 दिसंबर को निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। 6 दिसंबर शनिवार को दोपहर 12 बजे पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को 10 दिसंबर को पुरस्कृत किया जाएगा।


