Friday, December 5, 2025

विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर केवीके सागर का जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न,70 से अधिक किसानों ने ली सहभागिता 

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विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस पर केवीके सागर का जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न,70 से अधिक किसानों ने ली सहभागिता 

सागर। विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, सागर द्वारा प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. एस. यादव के मार्गदर्शन में ग्राम टेण्ड्सुआ में मृदा स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 70 से अधिक किसानों ने भाग लेकर मृदा संरक्षण, संतुलित पोषण और प्राकृतिक खेती संबंधी विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. यादव ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मृदा की उर्वरता और जैविक सक्रियता तेजी से प्रभावित हो रही है। उन्होंने जैविक और प्राकृतिक खेती को स्वस्थ मृदा एवं सुरक्षित पर्यावरण का आधार बताते हुए इसके वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी प्रदान की। तकनीकी अधिकारी श्री मयंक मेहरा ने बताया कि सागर जिले की लगभग 38–40% मृदाओं में जिंक, बोरोन तथा गंधक जैसे सूक्ष्म एवं द्वितीयक पोषक तत्वों की कमी पाई गई है, जिससे उत्पादकता प्रभावित होती है। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकों का संतुलित उपयोग, जैव उर्वरकों को अपनाने तथा फसल चक्र का पालन करने पर बल दिया। वैज्ञानिकों ने किसानों को प्रोत्साहित किया कि वे ऊँची एवं पानी निकास वाली भूमि में कम-से-कम एक एकड़ क्षेत्र में जैविक या प्राकृतिक खेती अपनाएँ। कार्यक्रम में बीजामृत, जीवामृत, ब्रह्मास्त्र और अग्नि अस्त्र जैसे जैविक घोलों की तैयारी और उपयोग की विधि का प्रदर्शन भी किया गया। वर्तमान में ग्राम के लगभग 15 किसान वर्मी कम्पोस्ट एवं केंचुआ खाद तैयार कर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।

किसानों को रोग नियंत्रण के सरल उपाय भी बताए गए। वैज्ञानिकों ने बताया कि दो लीटर छाछ को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से कई फफूंदजनित रोगों में प्रभावी नियंत्रण मिलता है। साथ ही यह भी बताया गया कि प्राकृतिक खेती अपनाने पर 2–3 वर्षों में बिना रासायनिक उर्वरकों के भी समान उत्पादकता प्राप्त की जा सकती है, जिससे छोटे किसानों को कम लागत में अधिक लाभ होगा। वैज्ञानिकों ने किसानों के खेतों का भ्रमण कर मृदा नमूना संग्रह तथा परीक्षण उपरांत उर्वरक प्रबंधन सुधारने के सुझाव भी दिए।

इस अवसर पर दिनेश नामदेव, जितेंद्र पटेल, नीलेश पटेल, रवि आनंद सहित कई प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे। अंगीकृत गाँव में केवीके द्वारा रामचरण पटेल, गोविंद पटेल आदि किसानों के खेतों पर प्राकृतिक खेती तकनीकों का क्षेत्रीय परीक्षण एवं प्रभाव आकलन भी किया जा रहा है।

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