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27 साल पुराने राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी अब एक ही पार्टी में पर मनमुटाव सड़क पर आया, मंत्री गोविंद राजपूत बोले हमारे घर पत्थर न फेंको अपना देखो

सागर। जिले में राजनैतिक सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है कभी राजनेतिक प्रतिद्वंद्वी रहें दो दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह और गोविंद राजपूत ...

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Gajendra singh

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| खबर का असर

सागर। जिले में राजनैतिक सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है कभी राजनेतिक प्रतिद्वंद्वी रहें दो दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह और गोविंद राजपूत अब एक ही पार्टी ( BJP ) में हैं और फिलहाल गोविंद राजपूत जो जिले की सुरखी विधानसभा से विधायक है और मोहन केबिनेट में मंत्री हैं वहीं भूपेंद्र सिंह जिले की खुरई विधानसभा से विधायक हैं, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह की राजनीतिक दुश्मनी 27 साल पुरानी है।

शहर समेत समूचे जिले में भाजपा नेताओं में चल रही गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अब जुबानी जंग और खेमेबाजी के चलते झूठे मुकदमों का दौर भी चल पड़ा हैं, नेता एक दूसरे पर भीतरघात तो कर रही रहें हैं वहीं खेमेबाजी के चलते अनेक लोग झूठे मुकदमे भी झेल रहे हैं जिससे प्रशासनिक मशीनरी भी दवाब में लगती प्रतीत हो रही हैं !

RNVLive

ताजा मामलें में जैसीनगर (सुरखी विस) में दशहरा के कार्यक्रम में प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुरखी से विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने बिना नाम लिए पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह पर हमला बोला। हालांकि इस संबंध में पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का कोई बयान सामने नही आया हैं।

मंत्री राजपूत ने कहा ध्यान से सुनना, मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि आप प्रस्ताव भेजें हम घोषणा कर देंगे लेकिन अभी प्रस्ताव गया नहीं और पेट में चूहा काटन लगे। कौन के पेट में काट रये? हम नाम नहीं ले रये। जो 10 साल इते के विधायक रये, हमाये पेलें कभऊं। जिनके विधायक रहते हुए एक पुलिया नहीं बनी। घर के लोग भेज दये, भतीजे भेज दये, कांग्रेस के चार-पांच लोग भेज दए के जाओ रे के आओ कि जैसीनगर बन गया, जय सिंह नगर बनेगा।

इस तरह उपजा विवाद

25 सितंबर को जैसीनगर में जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने क्षेत्रवासियों की ओर से जैसीनगर का नाम जय शिव नगर बनाने की मांग सीएम के सामने रखी थी। जिसे सीएम ने स्वीकृति देते हुए कहा था कि प्रस्ताव आते ही ऐसा कर दिया जाएगा। इसके बाद क्षत्रिय महासभा ने जैसीनगर का नाम जय शिव नगर करने का विरोध शुरू कर दिया और नाम जय सिंह नगर करने की मांग रखी। 5 अक्टूबर तक नाम बदलने की घोषणा निरस्त करने का अल्टीमेटम दिया है।