मध्यप्रदेश में मानसून कब देगा दस्तक, फिलहाल कैसा रहेगा मौसम !
भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री अब 10 जून के बाद ही संभव है। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल मानसून महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा हुआ है और पिछले कुछ दिनों से इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इस कारण प्रदेश में मानसून की आमद कुछ और दिन टल गई है।
हालांकि, मानसून से पहले प्रदेश में प्री-मानसून गतिविधियां जोरों पर हैं। मौसम विभाग ने सोमवार के लिए प्रदेश के 50 से ज्यादा जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
इन जिलों में अलर्ट जारी
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, सीहोर, शाजापुर, देवास, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, सतना, मैहर, मऊगंज, कटनी, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं।
हरदा, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और बुरहानपुर में मौसम साफ रहने की संभावना है।
तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, प्रदेश में फिलहाल तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय हैं। इनके प्रभाव से प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी और हल्की बारिश होती रहेगी। हालांकि तापमान में हल्की बढ़ोतरी जरूर होगी, लेकिन लू चलने की आशंका नहीं है।
मई में टूटा 139 साल पुराना रिकॉर्ड
इस बार मई महीने ने मौसम के कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। पूरे महीने प्रदेश में कहीं न कहीं आंधी, बारिश या ओले गिरते रहे। 53 जिलों में बारिश दर्ज की गई, जबकि सिर्फ निवाड़ी ऐसा जिला रहा जहां केवल बूंदाबांदी हुई, वो भी रिकॉर्ड में नहीं आ सकी।
इंदौर में इस मई में 114.8 मिमी (4.6 इंच) बारिश हुई, जो 1886 के बाद सबसे ज्यादा है। उस साल 107.7 मिमी (4.2 इंच) बारिश दर्ज हुई थी। वहीं, उज्जैन में भी मई की अब तक की सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई — 111.8 मिमी (4.3 इंच), जो साल 2021 के 65 मिमी रिकॉर्ड से कहीं ज्यादा है।
गर्मी के तेवर रहे नरम
मई में इस बार गर्मी उतनी तीखी नहीं रही। अप्रैल में जहां कई शहरों में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया था, वहीं मई में किसी भी शहर का तापमान 43 डिग्री तक नहीं पहुंचा। यहां तक कि नौतपा के दौरान भी अपेक्षाकृत कम गर्मी दर्ज की गई। केवल नौगांव, खजुराहो, टीकमगढ़, ग्वालियर, दमोह और शिवपुरी जैसे शहरों में पारा 40 डिग्री के पार गया, जबकि अन्य शहरों में इससे कम ही रहा।
फिलहाल प्रदेश को मानसून के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा, लेकिन तब तक आंधी-बारिश का यह सिलसिला मौसम को राहत देता रहेगा। अगले कुछ दिनों तक भी यही स्थिति बनी रह सकती है।