MP: डिप्टी सीएम के सामने पूर्व गृह मंत्री बोले लोगो की सीडीआर निकल रही अनाधिकृत रूप से, दुरुपयोग हो रहा

पूर्व गृहमंत्री ने पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप बोले अवैध रूप से लोगों के कॉल रिकॉर्ड करती है पुलिस

MP: मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री तथा वर्तमान में भाजपा से खुरई से विधायक भूपेंद्र सिंह ने जिला पुलिस पर अवैध रूप से लोगों की कॉल रिकार्डिंग कर ब्लैकमेलिंग करने का बड़ा आरोप लगाया है

बुधवार को सागर में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में शामिल हुए पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने यह आरोप प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तथा सागर जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल के सामने लगाए है।

पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि लगभग पिछले 5 महीनों से कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा लोगों की सीडीआर निकालकर उन पर दबाव बनाने का काम किया जा रहा है। किसी का भी सीडीआर निकालने के लिए एस पी और आईजी की परमिशन लेना आवश्यक होता है, लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा इसका दुरुपयोग किया जा रहा है, ऐसे लोगों पर उचित कार्यवाही की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि उनके पास पिछले छह माह से अनेक ऐसे लोग आए है जिन्होंने उन्हें बताया कि पुलिस उनकी काल डिटेल्ड तथा रिकॉर्डिंग निकाल रही है लोगो का कहना है कि उन्हें इस रिकार्डिंग के आधार पर धमकाया जाता है उन्हे ब्लैकमेल किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस बात की शिकायत उन्होंने फोन के माध्यम से एसपी से भी की थी लेकिन इन घटनाओं पर विराम नहीं लगा।
इन आरोपो से पुलिस समेत राजनेतिक जगत में हड़कंप

पूर्व गृह मंत्री द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोपों के बाद राजनीतिक तथा प्रशासनिक हलकों में हड़कंप की स्थिति दिखी इस आरोप पर विपक्ष हमलावर दिखा
वही इस मामले में पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉक्टर संजीव उईके ने कहा कि वह स्वयं पूर्व गृह मंत्री से मिलकर शिकायत की गंभीरता से जांच करेंगे तथा अगर इस प्रकार की कोई लापरवाही या घटना सामने आती है तो उसमें दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।

सीडीआर/ कॉल डिटेल्स का फंडा

दरअसल सीडीआर/ कॉल डिटेल्स पुलिस द्वारा किसी बड़े स्तर के अपराध में निकाली जाती है यह राज्य स्तर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में रखकर निकाली जाती हैं वहीं जिला स्तर पर स्थापित साइबर सेल की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक की होती हैं वहीं रेंज के आईजी के अधीन भी एक साइबर सेल होती हैं जो बड़े स्तर के अपराधों में सक्रिय होती हैं इसमे कॉल टेप का भी प्रावधान हैं जिसकी मोनिटरिंग आंशिक रूप से रेंज के आईजी और प्रदेश के एडीजी क्राइम करते हैं। सागर जिले में इसके अलावा राज्य साइबर की भी एक यूनिट कार्यरत हैं जो अपराधों से जुड़े मामलों पर सक्रियता रखती हैं।

सूत्र बताते हैं कि साल 2021 से अनेक लोगो की सीडीआर निकाली गई है जिसमें से कुछ तो महज एक आवेदन के आधार पर ही कॉल डिटेल्स निकाली गई जो सम्बंधित छुटपुट आवेदन/ अपराध का हवाला देकर पर उसके आगे पीछे के अनेक दिनों की भी सीडीआर खंगाली गयी हैं। सूत्र यहां तक बताते हैं इसमें निचले स्तर के पुलिस अधिकारी कर्मचारी संलिप्त हैं जो प्रेरित होगा इस तरह के कार्यो को अंजाम देते हैं, इसमे मोबाइल गुमने,चोरी चले जाने जैसे हल्के मामले भहि शामिल है शक के बिना पर भी बड़ा खेल सामने आ सकता हैं।

सागर पुलिस विभाग में लंबे समय से जमे दफ्तरों के स्टाफ की भी मिलीभगत की आशंका

सूत्र बताते हैं इस सब के पीछे स्टेनो स्तर के कमर्चारी अधिकारी हो सकते हैं जो सालो से एक ही कुर्सी पर सेट हैं जिनका नेटवर्क मजबूती से काम कर रहा हैं यह एसपी दफ्तर डीआईजी दफ्तर में भी हो सकते हैं और आईजी कार्यलय में भी जबकि इनका प्रोमोशन होने के बाद भी यह एक ही जगह नियमविरुद्ध टिके हैं।

कांग्रेस ने बनाया मुद्दा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, “जब पूर्व गृहमंत्री इस प्रदेश में असुरक्षित हैं तो संदेश साफ है कि यहां माफिया का राज है.” पटवारी ने भोपाल में गुरुवार सुबह कहा, ‘पूर्व गृह मंत्री रो रहे हैं कि मुझे धमकियां मिल रही हैं. हम बार-बार कह रहे हैं कि यह मोहन यादव की सरकार नहीं है, बीजेपी की सरकार नहीं है, जनता की भी सरकार नहीं है. ड्रग और भू माफिया की सरकार है. मुझे दुख है कि यहां जनता का राज नहीं, जंगल राज है।

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