भक्त, भक्ति, भगवंत, गुरू ये अलग-अलग नहीं हैं यह एक ही हैं- मंहत किशोसदास महाराज

भक्त, भक्ति, भगवंत, गुरू ये अलग अलग नहीं हैं यह एक ही हैं- मंहत श्री स्वामी किशोसदास देव जू महाराज

सागर। सोमवार को शहर के मिनी वृंदावन कहे जाने वाले बड़ा बाजार क्षेत्र के बिहारी जी मंदिर में ठाकुर श्री गौरी लाल कुंज श्रीधाम वृंदावन से पधारे अनंत श्री विभूषित भक्ति माल रस प्रवर्तक रसिक संत श्री 108 श्री स्वामी श्री किशोरदास देव जू महाराज के मुखारविंद से भक्त माल कथा के तीसरे दिन आरती करने वालों में मंदिर के पुजारी पं. अमित चाॅंचैंदिया, श्रीमति अनुश्री जैन, डाॅ. प्रतिभा तिवारी, श्रीमति प्रमिला प्यासी, श्रीमति मनीशा मिश्रा, वरिष्ट समाज सेवी डाॅ. अनिल तिवारी, अनुराग प्यासी, अनिल दुबे, अमित मिश्रा, सहित जै जै शिष्य मंडल एवं भक्त मंडल सागर ने आरती कर आशीर्वाद लिया। सद्गुरू देव भगवान ने आज रसिक बिहारी जी मंदिर बड़ा बजार एवं  साहू समाज मंरिद में श्री बिहारी जी एवं माॅं कर्मादेवी के दर्षन किये।

संगीतमयी श्री भक्तमाल कथा प्रतिदिन शाम 5 बजे से बिहारी जी मंदिर बड़ा बजार में हरी इच्छा तक हो रही है। महाराज जी ने कहा कि ये भावना अपने भीतर प्रकट करते हुए इसी भाव से भावित हो, अपने भावों में निमग्न हो करके वृंदावन को वंदन करते हैं और आचार्य वाणी द्वारा श्री ठाकुर जी के लाड़ले दुलारे हरे वैषणौ जी की करूणा और करूणा के फल स्वरूप आज हम सब मिल करके श्री अटल बिहारी सरकार की चरण संन्न्धिी विराजमान हो करके भक्तमाल कथा श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं। जहाॅं आज ये सेवक सेवा दे रहा वहाॅं श्री गोरे लाल जी महाराज विराजमान श्रीधाम वृंदावन ये आचार्य पीठ श्री ठाकुर जी नरहरी देव जी महाराज सिद्ध पीठ के ठाकुर जी ही हैं और इसी बुंदेलखण्ड की धरा में आपका प्राक्ट्य हुआ। श्री नरहरि देव जी महाराज जी साक्षात श्री जगन्नाथ महा प्रभु के अवतार हैं आज भी श्री ठाकुर जी की चरन चैकी में मुहर लगी हुई है नरहरिदास को प्रकट हुए करीब-करीब साढ़े चार सौ वर्ष हो गये, इतना समयकाल हो गया। यह श्री ठाकुर जी कि महती एव विषेष कृपा का ही प्रसाद है। भक्त, भक्ति, भगवंत, गुरू ये अलग अलग नहीं हैं यह एक ही हैं। यही भक्तमाल कथा का मूल सिद्धांत है। भक्तमाल कथा जहाॅं होती है वहाॅं स्वयं बिहारी जी विराजमान होते हैं। तो यह भी सिद्ध हो गया कि भक्तमाल कथा ठाकुर जी को कितनी प्रिय है। इससे यह भी सिद्ध हो गया कि भक्तमाल कथा श्री बांकेबिहारी जी को सुननी थी। तब तो श्री बिहारी जी के मंदिर में भक्तमाल कथा हो रही है और उन्होंने यह प्रेरणा सागर षिष्य मण्डल के हृदय में दी। इसीलिए यह कथा यहाॅं हो रही है।
महाराज जी ने कथा में कहा कि ठाकुर जी कौन है? ठाकुर जी जमातिया संतो ंके लाड़ले हैं। जैसे हम आपसे बात कर रहे हैं, संवाद हो रहा है। ऐसी ही जो पूवर्जाचार्य और संत जन होते हैं वे श्री ठाकुर जी से ऐसे ही वार्तालाप करते हैं साथ ही उन्होंने कहा कि ठाकुर जी तब ही शयन करने हैं जब आचार्य चरण की निकट में सेज लग जाती है। एक सेज तो बिहारी बिहारिणी जू की लगी हुई है और दूसरी सेज श्री आचार्य चरण की लगी हुई है क्योंकि सखी भाव भाविता हो करके सखी स्वरूप से उन महलों में निकुन्जों में श्री नरहरिदास जी महाराज जो हैं ये उनकी सेज सजाने की सेवा है, चरण कमल चापन की सेवा है। इसके उपरांत आचार्य चरण पौडते हैं और ठाकुर जी से सारी रात वार्ता होती रहती है। ऐसे आचार्य जी श्री सिद्ध गोरे लाल जी हैं ऐसे ही श्री ठाकुर जी सागर धाम बड़े बाजार में विराजमान श्री अटल बिहारी जी सरकार हैं। ये आचार्य सिद्ध ठाकुर हैं ये वार्तालाप करने वाले हैं और जमातिया इसीलिए कहते हैं क्योंकि जमातों में चलने वाले हैं। आज तो ऐसी जमाते नहीं हैं। आज से तीन सौ चार सौ वर्ष पूर्व में संतों की जमातें चलती थीं। स्वयं जगतगुरू रामानंदाचार्य जी महाराज हजारो षिष्यों के साथ जिस गाॅंव जिस शहर में विराजमान होते थे वह मण्डल शोभायमान हो जाता था और राजा महाराजा उनकी अगवानी करते थे, उन्हें ससम्मान विराजमान करते थे।
इस अवसर पर कथा में श्री संतोष पाण्डेय, रामकुमार प्यासी, नवीन भट्ट, अमित सोनी, अंकुर नायक, विनय मिश्रा, आदित्य पांडे, सहित षिष्य मण्डल एवं बड़ा बाजार, कटरा, मोतीनगर, मकरोनिया इत्यादि शहर के कई स्थानों से भक्तों का जन सैलाब मौजूद था सभी ने महाराज जी का आर्शीवाद लिया।
परम पूज्य रसिक संत श्री श्री 1008 महंत श्री किशोसदास जी महाराज बालाजी कॉलोनी अनुराग प्यासी के निज निवास पर विराजमान है यहाॅं अभी तक लगभग 100 लोगों ने गुरू दीक्षा सद्गुरू भगवान से ले ली है साथ ही दर्षोने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन पहुॅंच रहे हैं। सभी नगरवासी सुबह 9 बजे से 10 बजे तक दर्शन लाभ आशीर्वाद ले सकते है 26 अक्टूबर को दीनदयाल नगर, मकरोनिया, एसव्हीएन बीएड कॉलेज प्रांगण में दीक्षा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें नगर सहित जिले भर के भक्तजन आमंत्रित हैं। षिष्य मंडल के सदस्य श्री शैलेष केषरवानी जी के निवास पर पूज्य महाराज जी का आगमन हुआ। इस अवसर पर परिवार सहित सभी ने आर्षीवाद प्राप्त किया।

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