निजी तालाब को सरकारी तालाब बताकर हो गया लाखों का फर्जीबाड़ा
देवरी। निजी भूमि में बने पुराने तालाब को ग्राम पंचायत डोभी द्वारा फील्ड पॉन्ड के नाम पर लाखों रुपए का फर्जी ढंग से आहरण करने का मामला सामने आया है, यह मामला देवरी विकासखंड के ग्राम पंचायत डोभी से जुड़ा हुआ है, जहां ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव ने मिलकर मनरेगा के तहत बड़ा फर्जी बड़ा किया है। इस मामले की शिकायत शीलादेवी पति महेंद्र कुमार पटेरिया निवासी सिमरिया ने एसडीएम देवरी एवं जनपद पंचायत सीईओ देवरी एवं सीएम हेल्पलाइन में की है, शिकायत के अनुसार ग्राम पंचायत डोभी के अंतर्गत ग्राम सलैया दुबे में खसरा नंबर 221 पर 174 .00 हैकटेयर रकवा है, जिस पर वह कृषि कार्य करती आ रहे हैं, उन्होंने अपनी निजी भूमि पर 5 साल पहले एक एकड़ भूमि में खनन कर कर तालाब बनाया था और उसी से कृषि की सिंचाई करते आ रहे हैं।
पांच साल पुराने निजी तालाब के नाम पर ग्राम पंचायत डोभी के सरपंच और सचिव द्वारा सलैया दुबे के फील्ड पॉन्ड मनरेगा स्कीम के तहत 2 लाख,61 हजार रूपये का भुगतान ग्राम डोभी के विभिन्न मजदूरों के खातों में कराया गया है, आवेदिका के पति महेंद्र पटेरिया ने बताया कि पंचायत द्वारा जॉब कार्ड धारी ऐसे मजदूरों के खातों में राशि डाली गई है जिन्होंने कभी कोई मनरेगा का काम भी नहीं किया है केवल ऐसे जॉब कार्ड धारी मजदूर कमीशन लेकर राशि सरपंच सचिव को दे देते हैं।
उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच की जाए और उनके निजी तालाब को सरकारी फील्ड पॉन्ड बताकर लाखों रुपए फर्जी बाड़ा करने वाले सरपंच और सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की जाए, उन्होंने बताया कि एसडीएम , सीईओ एवं सीएम हेल्पलाइन में प्रमाण सहित शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों द्वारा इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इस मामले में जब सरपंच और सचिव से बात करना चाहिए उनका फोन स्विच ऑफ बताता रहा था, जनपद पंचायत सीईओ मनीष चतुर्वेदी, एवं एसडीएम भाव्या त्रिपाठी ने भी फोन रिसीव नहीं किया, जिला पंचायत सीईओ विवेक के. व्ही. ने संबंध में कहा कि मुझे आवेदन भेज दो मैं दिखवाता हूं।