सागर में पीने के पानी को लेकर धरने पर बैठे लोग, बोले वोट नही
सागर। विकसित भारत और आत्म निर्भर भारत के नाम पर देश में लोकसभा चुनाव के नाम पर वोट मांगी जा रही है। लेकिन देवरी विकासखंड का एक गांव ऐसा है जहां के लोगों को पीने के पानी के लिए इस भीषण गर्मी में संघर्ष करना पड़ रहा है। देवरी विकासखंड की ग्राम पंचायत सिलारी में पिछले मार्च माह से भीषण गर्मी के साथ-साथ पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है,यहां के लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं,भीषण गर्मी के चलते यहां के कुआं हैंडपंप अंतिम सांस गिरने लगते हैं। जलस्तर नीचे सरक जाने के कारण पूरी पंचायत क्षेत्र में बूंद बूंद पानी की समस्या खड़ी हो गई है।
पिछले सप्ताह यहां के लोगों ने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन एसडीएम कार्यालय में दिया था ,लेकिन प्रशासन ने ग्रामीणों की समस्या को अनदेखा कर दिया, जिससे परेशान ग्राम पंचायत सिलारी के 200 से अधिक लोग महिलाएं पुरुष बच्चे बूढ़े आदि ग्रामीणों ने शुक्रवार को जनपद पंचायत कार्यालय के सामने करीब डेढ़ घंटे तक प्रदर्शन किया पानी नहीं तो वोट नहीं के लिए नारेबाजी की,इसके पहले सभी ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग पर पीने के पानी की मांग को लेकर जुलूस निकाला और पीने का पानी दो पानी नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए अधिकांश महिलाएं पानी नहीं तो वोट नहीं की की तख्तियां हाथों में लेकर जनपद पंचायत देवरी कार्यालय के सामने धरने पर बैठी रही।
करीब डेढ़ घंटे तक ग्रामीणों ने देवरी जनपद पंचायत कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया लेकिन जनपद पंचायत देवरी की सीईओ कार्यालय में नहीं पहुंची। जिम्मेदार अधिकारियों के इस रवैया को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखी गई। जानकारी मिलने पर देवरी पुलिस जनपद पंचायत कार्यालय पहुंची और ग्रामीणों को समझाएं देते हुए कहा कि चुनाव आचार संहिता लगी है सभी ऐसा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं यदि सीईओ नहीं है तो चार व्यक्ति तहसीलदार को ज्ञापन दे सकते हैं। इसके 4 व्यक्ति तहसील कार्यालय पहुंचें जहां तहसीलदार देवरी श्रीमती प्रीति रानी चौरसिया को ज्ञापन दिया और पानी की समस्या को हल करने की मांग की। इस संबंध में तहसीलदार प्रीति रानी चौरसिया ने पीएचई विभाग के एसडीओ से फोन पर बात की और पेयजल संकट दूर करने का शोषण दिया। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि प्रशासन चुनाव कराने में लगा है और आप लोग चुनाव का बाहिष्कार कर रहे हैं यह ठीक बात नहीं है, ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में पिछले 15-20 साल से पीने के पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। हर साल गर्मी के समय में पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है यहां नल जल योजना भी नहीं है जिसके कारण गांव के लोगों को 1 से 2 किलोमीटर दूर खेतों से पानी लाना पड़ता है। लेकिन हम सब गांव वालों की इस समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। किसी के भड़कने पर ऐसा ना करें।