25 फरवरी,चित्रकूट-बाँदा
अपहरण कांड में डिजिटल सूचनातंत्र का शातिराना प्रयोग फिरौती के लिए राहगीरों के फोन का इस्तेमाल करते थे युवा अपराधी चित्रकूट के रामघाट रहवासी केश तेल व्यापारी के दो मासूम बेटे श्रेयांस-प्रियांश की निर्मम हत्या से व्यापारी, आम नागरिकों में आक्रोश जिनके क्रूर चेहरे समाज को दिखलाने चाहिए उन्हें मुंह ढककर थाने में पुलिस ने बैठाया,सड़क पर जनता का उबाल। मिली जानकारी अनुसार नर पिशाचों की हैवानियत की पूरी कहानी
जुड़वा बच्चों की हत्या का मुख्य सूत्रधार बजरंगदल के क्षेत्रीय संयोजक का भाई पदम् शुक्ला बच्चों को टियूशन पढ़ाने वाले अध्यापक से लेकर सद्गगुरु ट्रस्ट के शास्त्री का बेटा,बाँदा और बिहार के लड़के अपहरण की साज़िश में शामिल पाएं गए..
बड़े नेताओं तक पहुँच बनाएं था मास्टरमाइंड शुक्ला
यूपी और एमपी की सीमा में आने वाली धार्मिक नगरी चित्रकूट, दो मासूम बच्चों के अपहरण के बाद निर्मम हत्या से थर्रा गयी, इस जघन्य हत्याकांड की खबर मिलते ही आक्रोशित जनता सड़कों पर उतर आई,भीड़ हटाने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा, बता दें कि 13 दिन पहले अपहृत हुए दो सगे भाइयों का चित्रकूट से अपहरण हुआ था दोनों का शव बाँदा के यमुना नदी में मिला पूरे मामले में पुलिस व एसटीएफ की किरकिरी हुई है हालांकि पुलिस ने मुख्य सरगना सहित 6 लोंगो को ग्रिफ्तार करने का दावा किया है,पकड़े गए आरोपियों में एक बजरंग दल का स्थानीय नेता का भाई भी है जिसकी मोटरसाइकिल व बोलेरो गाड़ी का इस्तेमाल अपहरण में किया गया था।
बता दे कि गत 12 फरवरी को मध्यप्रदेश के चित्रकूट स्थित सतगुरु ट्रस्ट के विद्यालय परिसर में बस के अंदर से दो बदमाशों ने तमंचे की नोक पर शिवांश व दिव्यांश नाम के सगे भाइयों का अपहरण कर लिया था। इनके पिता ब्रजेश रावत चित्रकूट में तेल के कारोबारी हैं। दोनों बच्चों को छुड़ाने के लिए सतना, चित्रकूट व बाँदा पुलिस सहित एसटीएफ की टीम लगी हुई थी। पुलिस और एसटीएफ की टीम अंधेरे में तीर चलाती रही, और फर्जी तरीके से बच्चों की बरामदगी के शिगूफे छोड़ने में व्यस्त रही।
उधर बदमाश गुपचुप तरीके से 20 लाख रुपए फिरौती के ले गए और तीरंदाज पुलिस को भनक तक नहीं लगी, दोनों बच्चों के शव बाँदा जिले के मर्का थाना अंतर्गत यमुना नदी में बरामद हुए तो सबके होस उड़ गए बदमाशो ने दोनों बच्चों को जंजीर में बांध कर यमुना नदी में फेंक दिया, जैसे ही लोंगो को इस जघन्य हत्याकांड की जानकारी हुई तो पूरे चित्रकूट सहित प्रदेश की जनता में उबाल आ गया। आक्रोशित लोग लाठी डंडे लेकर ट्रस्ट पहुँच गए। भीषण नारेबाजी के बीच भीड़ ने अंदर घुसने का प्रयास किया। पुलिस के रोकने पर पत्थर भी फेंके गए।जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले फेकने पड़े और लाठियां भांजनी पड़ी बवाल की आशंका को देखते हुए धारा 144 लगा दी गयी और यूपी-एमपी की सीमा को शील कर दिया गया। फिर भी लोग पुलिस की हीलाहवाली के खिलाफ और अपराधियों को उन्हें सौपे जाने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे।
बात करे अपराधियो की तो पुलिस ने पूरे मामले में छः लोंगो को ग्रिफ्तार किया है। रीवा आई जी जोन चंचल शेखर ने बताया कि बच्चों को घर मे टीयूशन पढ़ाने वाले शिक्षक रामकेश यादव के मन मे लालच आया उसने अपने भांजे पिंटा यादव को बताया पिंटा यादव ने पदम शुक्ला को बताया पदम शुक्ला सद्गगुरु ट्रस्ट के शास्त्री का लड़का है पदम शुक्ला ने पूरे अपहरण की शाजिस रची इसके साथ बाँदा का रहने वाला लकी उर्फ आलोक सिंह, राजू उर्फ राजेश दुवेदी निवासी बाँदा, और बिहार का विक्रम जीत सिंह भी शामिल थे यह लोग फिरौती के लिए राहगीरों का मोबाइल इस्तेमाल करते थे और लोकेशन से बचने के लिए इंटरनेट कालिंग करते थे लेकिन एक राहगीर को इनपर शक हो गया और उसने मोटरसाइकिल की फ़ोटो खींच ली जिसके आधार पर एक के बाद एक सभी को ग्रिफ्तार कर लिया गया पुलिस ने पांच मोटर साईकिल बरामद की और बीजेपी का झंडा लगी एक बुलेरो बरामद की है,
बताया जा रहा है कि उक्त बुलेरो मुख्य साजिश कर्ता पदम शुक्ला के भाई विष्णु कांत की है जो बजरंगदल का क्षेत्रीय संयोजक है, घटना के बाद से परिवार में कोहराम मच गया है, दो मासूम उनके बीच नहीं रहे परिवार सहित पूरा मप्र शोक में डूबा हुआ है, साथ ही इस कृत्य के खिलाफ लोंगो के अंदर गुस्सा भी है, लोग हत्यारों को फांसी की मांग कर रहे है पूरे चित्रकूट में तनाव का माहौल है और कहीं न कही पुलिस की नाकामी भी दरकिनार नही की जा सकती ..