कौशल विकास से ही होगा भारतीय उधोगों का उद्धार : प्रो जैन
सागर। अर्थशास्त्र विभाग, डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर द्वारा आज दिनांक २८/०३/२३ को दोहपर २ बजे दो दिवसीय मध्यप्रदेश क्षेत्रीय आर्थिक परिषद की ३२वी संगोष्ठी का समापन हुआ । जिसकी विषयवस्तु सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों की स्थिति एवं चुनौतियां, एवं मध्य प्रदेश में कौशल था। इन दोनों थीमों पर दो दिन में देशभर के विद्वानों के ६० शोध पत्र प्राप्त हुए। सेमिनार में कुल छः तकनीकी सत्र आयोजित किये गये। जिसमें कुल २६ शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण हुआ। अधिवेशन में देशभर से १५० से अधिक अर्थशास्त्री एकत्रित हुए।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो केवल जैन ने अपने उद्बोधन कहा कि देश की युवा पीढ़ी को अधिक से अधिक कौशल में निपुण करने की आवश्यकता है। हमें आधारभूत उधोगों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के शुक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योगों को उन्नत करना होगा। युवाओं को सामाजिक समस्याओं की ओर उन्मुख करते हुए अधिक से अधिक शोध कराने होंगे। प्रो एस के शुक्ल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज हमारी दो दिवसीय संगोष्ठी सफलतापूर्वक संपन्न हुई, हम जल्द ही इस गोष्टी से मिले सुझावों को लिखित रूप में तैयार कर सरकार की ओर प्रेषित करेंगे, जिससे कि आमजन की समस्याओं को ठीक से हल किया जा सके। और कहा कि कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए सभी शोध पत्र पत्रों की गुणवत्ता विश्व स्तरीय रही इसके लिए मैं सभी अर्थशास्त्रियों, शोधार्थियों को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं। मंच का संचालन डॉ वीरेंद्र सिंह मटसेनिया एवं डॉ वीना थावरे ने किया। प्रो उतसव आनंद ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में देश भर से अनेक विद्वान एकत्रित हुए, प्रो के के श्रीवास्तव, डॉ विनोद सेन, प्रो कन्हैया आहूजा, प्रो जे पी मिश्रा डॉ एस के मिश्रा आदि। अधिवेशन में मध्य प्रदेश क्षेत्रीय आर्थिक परिषद की नई कार्यकारिणी का गठन भी किया गया। अध्यक्ष पद पर डॉ उत्सव आनंद, संयुक्त सचिव डॉ केशव टेकाम, क्षेत्रीय सचिव डॉ वीरेंद्र सिंह मटसेनिया एवं डॉ वीना थावरे को चुना गया।