उमा भारती बोलीं, नेहरू ने मांगी थी आरएसएस की मदद
भोपाल–/केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज बुधवार को दावा किया कि देश की आजादी के ठीक बाद जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी हमले के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से मदद मांगी थी उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक मदद के लिए जम्मू-कश्मीर गए भी थे उमा भारती का यह दावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सेना से जुड़े बयान के बाद आया है,
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने भागवत के बयान पर सीधी टिप्पणी करने से मना कर दिया,उन्होंने कहा कि आजादी के बाद महाराजा हरिसिंह जम्मू-कश्मीर के भारत के साथ विलय के समझौते पर साइन नहीं कर रहे थे जबकि शेख अब्दुल्ला इसके लिए उन पर दबाव डाल रहे थे
उमा भारती ने दावा किया, ‘नेहरू दुविधा में थे तभी पाकिस्तान ने अचानक हमला कर दिया और उसके सैनिक उधमपुर तक आ गए थे चूंकि हमला अचानक हुआ था, इसलिए सेना के पास उस समय तत्काल पहुंचने के लिए अत्याधुनिक उपकरण नहीं थे। उस समय नेहरू जी ने गुरु गोलवल्कर (तत्कालीन आरएसएस प्रमुख) को पत्र लिखकर आरएसएस के स्वयंसेवकों की मदद मांगी आरएसएस के स्वयंसेवक मदद के लिए जम्मू-कश्मीर गए।’
उन्होंने कहा, ‘सेना पर पत्थर फेंका गया, गाली दी गई, एफआईआर दर्ज की गई। जेएनयू में आरोप लगाया गया कि सेना महिलाओं के रेप कर रही हैं,यह अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन यह कहना कि आरएसएस के स्वयंसेवक देश के लिए अपनी जान दे सकते हैं, सेना का अपमान हो गया !
बता दें, बिहार के मुझफ्फरपुर में एख कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने कहा था, ‘यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन संघ में सेना जैसा अनुशासन है, अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे। देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं,
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन दिन में सेना तैयार करने वाले बयान को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर हमला बोला था,राहुल गांधी ने कहा कि भागवत का यह बयान देश और शहीदों का अपमान है। वहीं भागवत के बयान पर संघ की भी सफाई आई है। संघ ने कहा कि भागवत के बयान को संदर्भ से हटकर पेश किया गया है !!