बुद्ध पूर्णिमा को सागर जिले में हुए 11,000 से अधिक घरों में गायत्री यज्ञ।
अखिल विश्व गायत्री परिवार का वायुमंडल शुद्धिकरण अभियान बना जन आंदोलन।
सागर –
गायत्री परिवार सागर के प्रमुख ट्रस्टी डॉ0 अनिल तिवारी जी ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 की वैश्विक आपदा से पूर्ण मुक्ति हेतु अखिल विश्व गायत्री परिवार के परिजनों द्वारा शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में कोरोना से बचने हेतु 14 मई से 26 मई तक विशेष सामूहिक प्रार्थना साधना की गई व 26 मई बुद्ध पूर्णिमा पर वायुमंडल के शुद्धिकरण हेतु देश भर में लाखों घरों में अपनी प्राचीन भारतीय संस्कृति, ऋषीमुनियों द्वारा खोजी गई यज्ञ पद्धति द्वारा पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए विशेष जड़ीबूटियों से शहरों से लेकर गांव गांव में फैल रही कोरोना नामक वैश्विक महामारी को यज्ञ के माध्यम से समाप्त करने,विषैली गैसें नष्ट करने सकारात्मक गैसे उत्पन्न करने प्रदूषण को समाप्त करने एवं व्यक्ति को मानसिक शांति और सद्बुद्धि हेतु, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने गायत्री परिवार द्वारा गृहे गृहे गायत्री यज्ञ अभियान के अंतर्गत एक निश्चित समय प्रातः 8 से 12 पर यज्ञ सम्पन्न किया गया है।
साथ ही सायंकालीन समय में 6:30 से 7:30 बजे भी सभी ने दीपक जलाकर दीपयज्ञ के माध्यम से सभी के अच्छे स्वास्थ्य व उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अभियान में नगर की सभी धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं ने भरपूर सहयोग किया है !
सागर की सभी तहसीलों, गांव गांव के नागरिकों में अपार उत्साह देखने को मिला है !
यह वायुमंडल शुद्धिकरण अभियान गायत्री परिजनों के द्वारा विश्व के 100 से अधिक देशों के साथ सम्पूर्ण भारत के लाखों घरों में एक साथ संपन्न हुआ।
यह अभियान के अंतर्गत सागर जिले इस अभियान में गायत्री परिवार सागर जिले की प्रत्येक शाखा को तहसील व गाँव स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिसमें, जिला संयोजक श्री आर0एल शुक्ला व महाराज सिंह राजपूत जी ने बताया कि सागर की तहसीलों से:-
रहली में 11,00 घरों में महेश पचौरी, डॉ0 सुरेश पटैल, डॉ0 कमल यादव, रामलाल, ने।
बीना में 551 घरों में बी0 पी0 सेन, प्रहलाद कुशवाहा, महेश साहू, लता जी, ने।
देवरी में 851 घरों में नरेश मिश्रा, बाबूलाल साहू, संतोष मनेश्वर, जमना प्रसाद कोष्ठी, ने।
बंडा में 151घरों में श्यामकिशोर नामदेव ,
ने।
मालथौन में 551घरों में लाखन परमार मोहर सिंह, सचिन सोनी, लक्ष्मीकांत मिश्रा , ने।
बांदरी में 251 घरों में लक्ष्मण प्रजापति, भूपेंद्र शुक्ला, निर्भय सिंह राजपूत ने।
गढ़ाकोटा में 51 घरों में बालकिशन राय, शारदा प्रसाद , ने।
खुरई में 111 घरों में सियाराम कनोजिया , ने।
केसली में 21 घरों में सुधीर भाई ने।
शाहगढ़ में 101 घरों में डॉ0 अशोक तिवारी, हरिनारायण राठौर ने।
राहतगढ़ में 21 घरों में भारती सोनी ने।
जैसीनगर में 51 घरों में श्रीमती वंदना चौबे ने।
खिमलासा में 51 घरों में यशपाल सिंह , ने।
गौरझामर 151घरों में खिलान सिंह, वृन्दावन लोधी , ने।
इस प्रकार सागर की के सभी तहसीलों से 3992 घरों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।
एवं सागर शहर व सागर ग्रामीण क्षेत्र के संयोजक डॉ0 अनिल खरे जी ने बताया कि :-
सागर शहर में 1500 घरों में सागर ग्रामीण क्षेत्र में 351 घरों में श्रीमती रेखा गुप्ता, रजनी गुप्ता, कृष्णा साहू, दीपक दुबे, विद्यावती चोरसिया, डॉ0 सीताराम नेमा, डॉ0 अरुण कुमार साव, मनीष नेमा, जी0 एस0 ठाकुर, चिन्मय सेन, हरिओम खरे, आर0आर0 साहू, आर0डी0 शर्मा, लखन लाल पटैल, नीरज केशरवानी, श्रीमती डॉ0 उर्मिला सोनी, राजेन्द्र राठौर, श्रीदेवी तिवारी, आर0एल0 शुक्ला, प्रशांत श्रीवास्तव, दिनेश सेन, नेतराम कुर्मी, पप्पू यादव, धनीराम यादव, अच्छेलाल साहू, डॉ0 आर0पी0 यादव, नीलिमा नामदेव, इंद्रपाल सिंह राय, डी0 पी0 साहू, योगेश शांडिल्य, सी0एम0वर्मा, सी0 एस0 नामदेव, नरेश यादव, चंद्रहास श्रीवास्तव, तनुज पाण्डेय, जी0 पी0 सक्सेना, अनिल शर्मा, रामगोपाल पुजारी, भगवती राठौर, देवेन्द्र हजारी, अभिषेक दांगी, अखिलेश पाठक, के विशेष सहयोग से रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं ।
इस प्रकार कुल 5843 घरों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
इसके साथ ही कोविड-19 की वैश्विक आपदा से मुक्ति हेतु विशेष यज्ञ अभियान के द्वारा इस वायुमंडल शुद्धिकरण अभियान में गायत्री परिजनों के साथ-साथ जिले के साथ-साथ सभी शहरवासियों से भी सोसल मीडिया पर अपनी सुविधानुसार घर में ही उपलब्ध हवन सामग्री/गुड़/घी/कपूर/लोंग/के साथ(नीम/गिलोय/नीबू के पत्ते) आदि से यज्ञ करने की अपील की गई थी, ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि गायत्री परिवार के द्वारा सोसल मीडिया पर की गई अपील पर लगभग 6000 हजार से अधिक घरों में यज्ञ किया गया।
इस प्रकार सागर जिले में कुल 11000 से अधिक घरों में यज्ञ सम्पन्न हुए।
आज के इस यज्ञ में विशेष रूप से गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, अपने इष्ट मंत्रों से कोरोना महामारी से मुक्ति पर्यावरण शुद्धि व असमय मृत्यु को प्राप्त हुईं दिवंगतात्माओं की शांति हेतु विशेष मंत्र (ॐ शं नो मित्रः शं वरुणः । शं नो भवत्वर्यमा । शं नो इन्द्रो बृहस्पतिः । शं नो विष्णुरुरुक्रमः । स्वाहा, इदं दिवंगतानां शांतयर्थं इदं नमम।) से आहुति प्रदान कर यज्ञ के माध्यम से सभी के अच्छे स्वास्थ्य व उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही सायंकालीन समय में भी सभी ने दीपक जलाकर दीपयज्ञ के माध्यम से सभी के अच्छे स्वास्थ्य व उज्ज्वल भविष्य की कामना की।