किल कोराना-3 अभियान के संबंध में निर्देश
सागर-
किल कोराना-3 अभियान की प्रस्तावित रणनीति में ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगर पंचायत क्षेत्रों की संपूर्ण जनसंख्या का गृह भेंट द्वारा स्क्रीनिंग, शहरी क्षेत्रों में कोविड सहायता केन्द्रों के माध्यम से कोविड-19 का प्रबंधन करना है। इसके साथ ही ग्रामीण एवं नगर पंचायत क्षेत्रों की रणनीति में ग्राम स्तर पर प्राथमिक दल का गठन, जिसमें आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं ग्राम रोजगार सहायक सम्मिलित होंगे। प्राथमिक दल में जन अभियान परिषद के प्रस्फुटन
समिति के सदस्यों को भी सम्मिलित किया जायेगा। इसी प्रकार नगर पंचायत हेतु प्राथमिक दल में नगर पंचायत के मैदानी कर्मचारियों को भी सम्मिलित किया जायेगा।
उक्त दलों द्वारा प्रत्येक घर पर गृह भेंट कर सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण वाले रोगियों का चिन्हांकन किया जायेगा। ये दल प्रत्येक दिन में लगभग 100 घरों में गृह भेंट कर, प्रश्नावली के अनुसार बुखार एवं कोरोना के लक्षण वाले संभावित रोगियों की पहचान करेंगे।
बता दें कि, प्राथमिक दल के उपर द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दल का गठन किया जायेगा जिसमें आशा सहयोगिनी, ए.एन.एम., सी. एच.ओ., एल. एच. व्ही., पुरुष सुपरवाईजर, मलेरिया सुपरवाईजर, लेप्रोसी सुपरवाईजर, बी.ई.ई., एस.टी. एस., एस. टी. एल. एस एवं पंचायत सचिव, आंगनवाड़ी सुपरवाईजर सम्मिलित होंगे।
द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दल द्वारा अधीनस्थ प्राथमिक दलों द्वारा साझा की गई सूची की पुष्टि उन घरों में पुनः गृह भेंट कर सुनिश्चित की जायेगी एवं बुखार एवं कोरोना के लक्षण और कोविड-19 के संभावित रोगियों को लक्षण अनुसार औषधियाँ प्रदान की जायेगी।
द्वितीय पर्यवेक्षक दलों की संख्या अधीनस्थ ग्रामों की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित की जायेगी। जिसमें प्रत्येक दल में 2 व्यक्तियों को सम्मिलित किया जायेगा, जिसमें से 1 व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग का होगा।
प्रायः 3-4 ग्रामों के लिए 1 पर्यवेक्षक दल निर्धारित होगा। जिसके द्वारा प्राथमिक दल के गृह भेंट के पश्चात त्वरित पुष्टि की कार्यवाही की जायेगी। द्वितीय स्तरीय पर्यवेक्षक दल के लिए आवश्यक सामग्रियों एवं औषधि दी जाएगी।