फर्जी गवाह बनाकर बेगुनाहों पर मुकदमे लगाने का आरोप, टी आई से न्यायमूर्ति बोले आप जिंदगी से खेल रहे हैं, उस कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं
इंदौर। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान इंदौर पुलिस की गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद अदालत का माहौल एकदम बदल गया। खुलासा हुआ कि इंदौर में एक साल की अवधि में दर्ज 165 अपराधिक मामलों में पुलिस ने हर बार दो ही व्यक्तियों को गवाह बनाया। इस पैटर्न ने सर्वोच्च अदालत को चौंका दिया और अदालत ने थाना प्रभारी (टीआई) इंद्रमणि पटेल को तीखी टिप्पणियों के साथ फटकारा।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने टीआई से कहा तुम दुर्भाग्य से उस कुर्सी पर बैठे हो, तुम्हें वहां नहीं होना चाहिए। यह हमारी आत्मा की पीड़ा है। कड़ी टिप्पणी सुनकर पूरा कोर्ट रूम शांत हो गया और टीआई सिर झुकाए खड़े रह गए।
मामला कैसे सामने आया
यह खुलासा उस समय हुआ जब सुप्रीम कोर्ट में चंदूवाला रोड (चंदन नगर), इंदौर निवासी अनवर हुसैन की याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इस केस में भी पुलिस की ओर से गलत जानकारी प्रस्तुत किए जाने पर न्यायालय ने सवाल उठाए।
सुनवाई के दौरान मौजूद कानून के छात्र असद अली वारसी ने बताया कि फर्जी केस दर्ज करने और बेगुनाहों को फंसाने के लिए टीआई की ओर से हमेशा उन्हीं दो व्यक्तियों को गवाह बनाया जाता है।
असद के वकील ने अदालत को 23 अक्टूबर 2023 से 23 अक्टूबर 2024 तक दर्ज हुए 165 मामलों की पूरी सूची सौंपी, जिनमें सलमान कुरैशी और आमिर रंगरेज को हर बार गवाह के रूप में शामिल किया गया। आरोप है कि पुलिस हर केस में इन दोनों के नाम कट-पेस्ट कर देती है, चाहे मामला कोई भी हो।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी — आप लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं
सजा योग्य व्यवहार पर न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने टीआई को फटकारते हुए कहा —
“सिर झुकाने से कुछ नहीं होगा। क्या ये गवाह 24 घंटे आपके साथ रहते हैं? क्या पुलिस स्टेशन के सामने दुकान है? हर केस में वही कैसे मौजूद हो सकते हैं? आप लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं। एक SHO सुरक्षा के लिए होता है, लेकिन आप आतंक फैला रहे हैं। कोर्ट की बातों पर टीआई ने चुपचाप सिर झुकाकर माफी मांगी।
कोर्ट को सौंपा गया विस्तृत रेकॉर्ड
असद ने सुप्रीम कोर्ट में अपराध क्रमांक, धाराएं, मुकदमा दर्ज करने वाले अधिकारी और सभी संबंधित थाना प्रभारी की सूची प्रस्तुत की है।
जिन मामलों में इन दोनों गवाहों के नाम सामने आए हैं, उनमें शामिल हैं—
शराब तस्करी
हथियार जब्ती
रासुका
जुआ संबंधी प्रकरण
इन केसों में सलमान पुत्र जुल्फिकार कुरैशी, निवासी नाला पार, चंदन नगर, और आमिर पुत्र उस्मान रंगरेज, निवासी आमवाला रोड, चंदन नगर को कभी साथ और कभी अलग-अलग गवाह के रूप में दर्ज किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद जांच की तैयारी
घटना सामने आने के बाद जोन-4 के डीसीपी आनंद कलादगी मामले से जुड़े जवाब और रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। आगे की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर तय होगी।


