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लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: सहायक पेंशन अधिकारी 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: सहायक पेंशन अधिकारी 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में सोमवार ...

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लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: सहायक पेंशन अधिकारी 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में सोमवार को लोकायुक्त टीम ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए संभागीय पेंशन कार्यालय के सहायक पेंशन अधिकारी सचिन झा को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। अधिकारी पर आरोप है कि वह एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी से उसकी पेंशन फाइल में नामिनी (Nominee) बदलने के बदले पैसों की मांग कर रहा था।

रिश्वत नहीं देने पर टालता रहा सेवानिवृत्त कर्मी का काम

मिली जानकारी के अनुसार, शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, जबलपुर के सेवानिवृत्त लैब टेक्नीशियन किशोर कुमार झारिया ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी पहली पत्नी के निधन के बाद उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी का नाम पेंशन दस्तावेजों में नामिनी के रूप में दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया था।
लेकिन यह कार्य पूरा करने के लिए सहायक पेंशन अधिकारी सचिन झा ने उनसे ₹11,000 की रिश्वत मांगी। बाद में बातचीत में रकम ₹10,000 तय हुई।
रिश्वत देने से इनकार करने पर अधिकारी लगातार झारिया को टालमटोल कर परेशान करता रहा। थक-हारकर उन्होंने 7 नवंबर को लोकायुक्त एसपी कार्यालय, जबलपुर में शिकायत दर्ज कराई।

लोकायुक्त ने बिछाया जाल, अधिकारी रंगे हाथों पकड़ा गया

शिकायत की जांच और पुष्टि के बाद लोकायुक्त टीम ने ट्रैप की योजना बनाई। सोमवार को जैसे ही फरियादी ने आरोपी अधिकारी को ₹10,000 नकद सौंपे, लोकायुक्त की टीम, जो पहले से ही मौके पर छिपकर मौजूद थी, ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सचिन झा को रिश्वत की राशि सहित रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

इसके बाद टीम ने मौके पर ही नोटों की गिनती और जांच की। सभी नोट वही थे, जिन्हें ट्रैप से पहले पंच गवाहों की मौजूदगी में चिह्नित किया गया था।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

गिरफ्तारी के बाद आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7, 13(1)(B) और 13(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल लोकायुक्त टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है और उससे जुड़े अन्य संभावित मामलों की भी जांच शुरू कर दी गई है।

कार्रवाई में रही ये टीम शामिल

लोकायुक्त की इस सफल कार्रवाई में उप पुलिस अधीक्षक सुरेखा परमार, निरीक्षक रेखा प्रजापति, निरीक्षक बृजमोहन सिंह नरवरिया सहित टीम के अन्य सदस्य शामिल रहे। टीम ने पूरी कार्रवाई को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया, जिससे अधिकारी को भनक तक नहीं लग सकी।

जनता में चर्चा का विषय बनी कार्रवाई

इस कार्रवाई के बाद सरकारी दफ्तरों में हड़कंप मच गया है। पेंशन जैसे संवेदनशील मामलों में रिश्वत की मांग करने वाले अधिकारी के पकड़े जाने से लोकायुक्त की सख्ती का संदेश स्पष्ट रूप से गया है। वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारी झारिया ने लोकायुक्त टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “न्याय मिलने की उम्मीद टूट रही थी, लेकिन लोकायुक्त ने विश्वास बहाल किया।”

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