बांग्लादेशी महिला पकड़ी गई: नौकरी का झांसा देकर भारत लाया गया, फिर देह व्यापार में धकेला गया

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में सिटी सेंटर इलाके से पकड़ी गई बांग्लादेशी महिला का मामला अब बड़ा रूप लेता जा रहा है। जांच में सामने आया है कि यह महिला भारत में अवैध तरीके से घुसी थी। उसे गुरुग्राम में रहने वाले बांग्लादेशी एजेंट अनीस शेख ने नौकरी का लालच देकर सीमा पार करवाया और देश में घुसाने के बाद उसे देह व्यापार के जाल में फंसा दिया।

कॉल सेंटर की नौकरी का झांसा, पर देह व्यापार का दलदल

महिला ने पुलिस को बताया कि वह बांग्लादेश में बेहद गरीब परिवार से है और वहां उसके पति द्वारा की जाने वाली मारपीट और प्रताड़ना से तंग आकर उसने नौकरी की तलाश शुरू की थी। इसी दौरान एक युवक ने उसे कोलकाता के एक एजेंट से मिलवाया, जिसने अनीस शेख से संपर्क कराया। अनीस ने कॉल सेंटर में नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उसे भारत लाकर दिल्ली में रखा।
लेकिन यहां पहुंचने के बाद उसका सपना टूट गया — उसे नौकरी नहीं मिली, बल्कि जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया। विरोध करने पर अनीस ने धमकी दी कि अगर उसने मुंह खोला तो उसे “जासूस” बताकर पुलिस से गिरफ्तार करवा देगा।

ग्वालियर भेजा गया, गोविंदपुरी में रह रही थी महिला

कुछ समय बाद अनीस ने महिला को ग्वालियर भेज दिया, जहां उसे रविंद्र उर्फ छोटू धाकड़ के पास रखा गया। पुलिस की जांच में पता चला है कि वह पिछले एक साल से गोविंदपुरी इलाके में किराए के फ्लैट में रह रही थी। वहीं से वह इस नेटवर्क के इशारों पर काम कर रही थी।

फर्जी आधार कार्ड से बनाई पहचान

जांच में पुलिस को महिला के पास से एक आधार कार्ड भी मिला है, जो पूरी तरह फर्जी पाया गया। जांच में खुलासा हुआ है कि यह कार्ड ग्वालियर में रहने वाले सुमित परिहार की मदद से रविंद्र धाकड़ और महिला ने बनवाया था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह फर्जी दस्तावेज कहां और किस माध्यम से तैयार किया गया।

मोबाइल नंबरों की जांच में जुटी पुलिस

महिला के मोबाइल से कई संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिनकी पुलिस अब लोकेशन और कॉल डिटेल्स खंगाल रही है। महिला ने बताया कि अनीस शेख कई और बांग्लादेशी महिलाओं को भी भारत लाकर इन्हीं रास्तों से देह व्यापार के जाल में फंसा चुका है।

पूछताछ में बदलती रही बयानबाजी

पुलिस पूछताछ में महिला बार-बार अपने बयान बदल रही है। पहले उसने बताया कि वह 10 अन्य युवतियों के साथ सीमा पार कर भारत आई थी, जिसके लिए उसने प्रत्येक व्यक्ति को 4,000 रुपये दिए थे। लेकिन बाद में उसने कहा कि वह अकेली ही आई थी। इसी वजह से पुलिस उसकी कहानी पर फिलहाल भरोसा नहीं कर रही है और जांच को और गहराई में ले जा रही है।

खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट

मामले की गंभीरता को देखते हुए खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। एक टीम ने यूनिवर्सिटी थाने पहुंचकर महिला से पूछताछ की। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस नेटवर्क के तार किन-किन शहरों तक फैले हैं और कहीं यह मामला जासूसी या मानव तस्करी से तो जुड़ा नहीं है।

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