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जयसिंह नगर का नाम बदलने के मामलें ने तूल पकड़ा, जिला क्षत्रिय महासभा ने सौपा फिर ज्ञापन

जयसिंह नगर का नाम बदलने का प्रस्ताव निरस्त करने की मांग जिला क्षत्रिय महासभा ने ज्ञापन सौंपा बीना। क्षत्रिय महासभा जिला सागर ...

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Gajendra singh

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जयसिंह नगर का नाम बदलने का प्रस्ताव निरस्त करने की मांग जिला क्षत्रिय महासभा ने ज्ञापन सौंपा

बीना। क्षत्रिय महासभा जिला सागर के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने सुरखी विधानसभा क्षेत्र में जयसिंह नगर का नाम बदले जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए नाम परिवर्तन प्रस्ताव निरस्त किये जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।

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अनुविभागीय अधिकारी बीना की ओर से तहसीलदार ने ज्ञापन लिया। जिसमें उल्लेख है कि गत 25 सितंबर, 2025 को सागर जिले के जयसिंह नगर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय डॉ. मोहन यादव जी की आमसभा में मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत एवं उनके भाई श्री हीरा सिंह राजपूत की ओर से मंच से ही प्रस्तुत की गई मांग पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने यह घोषणा की है कि जयसिंह नगर का नाम शासन के रिकार्ड में परिवर्तित कर जय शिव नगर किया जाएगा। इस हेतु प्रस्ताव भेजे जाने व स्वीकृत किए जाने की बात भी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कही गई। इस आशय का भाषण व समाचार विभिन्न समाचार पत्रों, न्यूज चौनलों व सोशल मीडिया पर प्रकाशित प्रसारित हुआ। यह समाचार जान कर समस्त दांगी क्षत्रिय समाज दुखी, आक्रोशित, आंदोलित व हतप्रभ है कि बिना किसी औचित्यपूर्ण कारण से मध्यप्रदेश के सागर जिले के हेरिटेज व एतिहासिक नगर के ऐसे सुंदर नाम जो पूर्णतः हिंदू, सनातनी संस्कृति सम्मत नाम है, को अनावश्यक रूप से बदला जा रहा है।

वर्ष 2025 में ही यह ऐसा दूसरा घटनाक्रम है जब सागर जिला प्रशासन की संस्कृति एवं पर्यटन परिषद द्वारा प्रकाशित ब्रोशर व एक लेखिका द्वारा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित कराई गई पुस्तक में सागर नगर के संस्थापक दांगी क्षत्रिय शासक ऊदनशाह दांगी को सागर नगर का संस्थापक नहीं बताया जाकर एक अन्य ऐसे पश्चातवर्ती शासक को सागर नगर का संस्थापक बताया गया जिसने सागर नगर की स्थापना के लगभग 80 वर्ष बाद नगर का शासन प्रभार अपरोक्ष रूप से संभाला था। यह सागर जिले के इतिहास का विकृतिकरण, भ्रामक असत्य इतिहास की कूट रचना है। अब जयसिंह नगर का नाम बदले जाने की घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि यह सब किसी योजना के तहत एक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है।

सागर जिले के एक परिवार द्वारा दांगी राजपूत क्षत्रिय समाज के इतिहास को मिटाने का षड़यंत्र किया जा रहा है। यदि आगामी 5 अक्टूबर 2025 तक माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जयसिंहनगर का नाम बदलने की घोषणा निरस्त नहीं की गई तो 5 अक्टूबर के बाद सागर जिले के सभी ब्लाकों पर ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर हमारी मांग नहीं मानी गयी तो पूरे प्रदेश की दांगी राजपूत क्षत्रिय समाज भोपाल में प्रदर्शन करेगी।

अतः मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि आपको गलत जानकारी देकर कराई गई जयसिंह नगर के नाम परिवर्तन की घोषणा को तत्काल निरस्त किए जाने की आधिकारिक विज्ञप्ति जनसंपर्क संचालनालय से जारी कराने का कष्ट करें। इस घोषणा से दांगी क्षत्रिय समाज में फैले जनाक्रोश का समाधान करने की हर संभव कोशिश की जाएगी ऐसी क्षत्रिय महासभा जिला सागर की आपसे विनती है। कार्यक्रम के दौरान समाज द्वारा महाराजा जयसिंह जी की प्रतिमा स्थापना हेतु सांकेतिक रूप से सहयोग राशि भी एकत्रित की गई, ताकि भविष्य में उनकी गौरव गाथा को स्मर्णीय बनाया जा सके।

ज्ञापन सौंपने वालों में लखन सिंह अध्यक्ष क्षत्रिय महासभा जिला सागर, राजबहादुर सिंह पूर्व सांसद, राजकुमार सिंह धनौरा, इंदर सिंह धनौरा, रघवीर सिंह राजपूत, दादा भाई सरगौली, थान सिंह सिरचौंपी, इंदर सिंह खिरिया, राजाभाई सरपंच, गोपाल सिंह मालगुजार, धर्मेन्द्र सिंह निर्तला, शिवकुमार सिंह देहरी, लोकेन्द्र सिंह देहरी, रघुराज सिंह बाहरपुर, तिलक सिंह महादेवखेड़ी, वीरेन्द्र सिंह महादेवखेड़ी, भाईसाहब पड़रिया, रामस्वरूप सिंह, विनोद सिंह, अभिनव सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह रारौन, नरेन्द्र सिंह धरमपुर, शिवराज सिंह पटकुई, अमरप्रताप सिंह देहरी, आकाश सिंह गोदना, विक्रम सिंह कनखर, लोकेन्द्र सिंह बसारी, प्रहलाद सिंह हासलखेड़ी, रविन्द्र सिंह नरोदा, हल्के भाई विंदई, रामकुमार बघेल, बलराम सिंह, बंटी पिठौरिया, सुमित धनौरा, आशीष सिंह सरपंच, चंदन सिंह सिरचौपी, प्रदेश सिंह, के.के. सिंह, रविन्द्र सिंह राजपूत नरोदा, रामराजा सिंह बनखिरिया, रविन्द्र सिंह ठाकुर बरोदिया, नंदकिशोर सिंह बिनायठा उपस्थित थे।