रिश्वतखोरी का बड़ा मामला : लोकायुक्त ने सहायक ग्रेड-1 को 1 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा

रिश्वतखोरी का बड़ा मामला : लोकायुक्त ने सहायक ग्रेड-1 को 1 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा

भोपाल। अनुसूचित जाति विकास कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-1 के बाबू जीवन लाल बरार को जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। आरोपी ने छिंदवाड़ा में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी उषा दाभीरकर के जाति प्रमाण पत्र की जांच को दबाने के लिए 5 लाख रुपए की मांग की थी।

घर बुलाकर मांगी रिश्वत

लोकायुक्त की टीम ने बताया कि आरोपी जीवन लाल बरार ने उषा दाभीरकर को जी-1 प्रशासनिक अकादमी के सामने स्थित अपने घर, पंचशील नगर भोपाल बुलाकर रिश्वत की पहली किश्त ली। जाति प्रमाण पत्र की जांच को लेकर दवाब बनाने के साथ उसने यह आश्वासन दिया कि मामला उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंचेगा, लेकिन इसके एवज में पूरी राशि चुकानी होगी।

दो साल की नौकरी बची थी, दबाव में थी पीड़िता

दरअसल, छिंदवाड़ा वाणिज्य कर कार्यालय में कार्यरत सहायक ग्रेड-2 उषा दाभीरकर के जाति प्रमाण पत्र की जांच भोपाल स्थित अनुसूचित जाति विकास विभाग, राजीव गांधी भवन में चल रही थी। उषा की नौकरी का मात्र दो साल का समय बचा था। ऐसे में जांच लटकने पर नौकरी पर संकट खड़ा हो सकता था। इस परिस्थिति का फायदा उठाते हुए बरार ने 5 लाख रुपए की रिश्वत की मांग रखी।

लोकायुक्त ने की ट्रैप कार्रवाई

आरोपी की हरकत से परेशान होकर उषा ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी अंजुलता पटले को पूरी जानकारी दी। शिकायत की जांच के बाद मामला सही पाया गया और लोकायुक्त पुलिस ने ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई। तयशुदा समय और स्थान पर जैसे ही जीवन लाल बरार ने एक लाख रुपए की पहली किश्त ली, टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज

लोकायुक्त पुलिस ने जीवन लाल बरार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 13 (1) (B) और 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है।

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