झरने की सैर के दौरान दो छात्रों की डूबने से मौत, 16 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
सीहोर। जिले के खिवनी वन अभयारण्य में रविवार को एक पिकनिक मौज-मस्ती के बजाए मातम में तब्दील हो गई। वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) के पांच छात्र भेरूखो झरने पर घूमने और नहाने पहुंचे थे, लेकिन इसी दौरान दो युवकों की जान चली गई।
जानकारी के मुताबिक रविवार की शाम करीब 5 बजे ये सभी छात्र बाइक से इछावर थाना क्षेत्र के खिवनी जंगल में स्थित भेरूखो वाटरफॉल पर पहुंचे थे। वहां नहाते समय हैदराबाद निवासी दो छात्र, 20 वर्षीय सिन्मुक और हेमंत, सेल्फी लेने के दौरान फिसलकर गहरे पानी में गिर गए और डूब गए।
घटना की सूचना मिलते ही इछावर पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन अंधेरा होने के चलते तत्काल रेस्क्यू शुरू नहीं किया जा सका। अगले दिन सोमवार सुबह होते ही रेस्क्यू अभियान दोबारा शुरू किया गया और करीब 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एसडीईआरएफ की टीम ने दोनों छात्रों के शव झरने से बरामद किए।
घटनास्थल पर मौजूद अन्य छात्रों की पहचान नरेंद्र (निवासी जामनगर, गुजरात), वामासी और ललित (निवासी हैदराबाद) के रूप में हुई है, जबकि मृतकों में हेमंत और सिन्मुक दोनों हैदराबाद के रहने वाले थे।
छात्रों के अनुसार, वे महज सैर-सपाटे और मस्ती के इरादे से झरने पर पहुंचे थे, लेकिन पानी की गहराई और चट्टानों की फिसलन ने दो जिंदगियों को लील लिया।
दो महीनों में नौ लोगों की जलप्रलय में गई जान
यह पहली बार नहीं है जब खिवनी या अन्य पिकनिक स्पॉट पर ऐसा हादसा हुआ हो। बीते दो महीनों में जिले में डूबने से नौ लोगों की मौत हो चुकी है।
केस-1: 45 घंटे बाद मिली थी लाश
13 जुलाई को सेमरी निवासी अता उर्र रहमान (40) अपनी पत्नी रफत (35), बेटे खिजर (10) और ओमान (2.5) के साथ पिकनिक मनाने गए थे। जहां पानी में बहने के बाद 45 घंटे तक लापता रहे और फिर उनका शव बरामद हुआ।
सवाल खड़े करती सुरक्षा व्यवस्था
लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद वन क्षेत्र या प्राकृतिक जल स्रोतों पर कोई प्रभावी सुरक्षा इंतजाम नजर नहीं आते। न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं और न ही लाइफ गार्ड तैनात किए जाते हैं।
इस तरह की घटनाएं न केवल युवाओं की लापरवाही को उजागर करती हैं, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े करती हैं।