अनौपचारिक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर जूनियर छात्रों को परेशान करना पड़ेगा भारी, UGC ने जारी किए कड़े निर्देश

अनौपचारिक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर जूनियर छात्रों को परेशान करना पड़ेगा भारी, UGC ने जारी किए कड़े निर्देश

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को सख्त हिदायत दी है कि अगर सीनियर छात्र नए छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए अनौपचारिक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाते हैं, तो इसे रैगिंग माना जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक, हर साल यूजीसी को ऐसे कई मामले मिलते हैं जिनमें नए छात्र शिकायत करते हैं कि उन्हें सीनियर छात्रों ने ऑनलाइन ग्रुप के जरिए डराया या अपमानित किया।

यूजीसी ने अपने हालिया आदेश में कहा है कि कई बार कॉलेज और यूनिवर्सिटी के सीनियर छात्र व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनौपचारिक ग्रुप बनाकर नए छात्रों पर दबाव बनाते हैं और उन्हें अलग-अलग तरीकों से मानसिक प्रताड़ना देते हैं। आयोग ने साफ किया है कि इस तरह की गतिविधियां सीधे तौर पर रैगिंग की श्रेणी में आएंगी और संबंधित संस्थानों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

रैगिंग रोकने में लापरवाही पर संस्थान भुगतेंगे खामियाजा

यूजीसी ने अपने निर्देश में कहा कि नए छात्रों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं होगा। अगर कोई संस्थान रैगिंग के खिलाफ बनाए गए नियमों को लागू करने में लापरवाही करता है तो उस पर अनुदान रोकने जैसे कड़े कदम उठाए जाएंगे।

आयोग के अनुसार, कई बार जूनियर छात्रों को डराया जाता है कि अगर उन्होंने सीनियर के कहे मुताबिक काम नहीं किया तो उन्हें दोस्तों के बीच अलग-थलग कर दिया जाएगा। कुछ मामलों में नए छात्रों को बाल कटवाने या रातभर जागने जैसे काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर परेशानी होती है। यूजीसी ने इन हरकतों को रैगिंग का गंभीर उल्लंघन बताया है और कहा है कि ऐसे व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

कैंपस में छात्रों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

यूजीसी के मुताबिक, संस्थानों की यह जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि कैंपस में पढ़ाई का माहौल सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण बना रहे। छात्रों के साथ किसी भी तरह की जबरदस्ती, डराने-धमकाने या मानसिक उत्पीड़न को तुरंत रोका जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।

आयोग ने सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है कि वे ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखें और छात्रों को भी जागरूक करें कि अगर उनके साथ कोई गलत व्यवहार होता है तो वे बिना डरे शिकायत दर्ज कराएं।

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