राहुल गांधी की गाड़ी के आगे कूदे कार्यकर्ता, नारेबाज़ी में धक्का-मुक्की, कई गिरे ज़मीन पर
भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले 23 वर्षों से सत्ता से बाहर चल रही कांग्रेस पार्टी अब अपने संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की तैयारी में है। मंगलवार, 3 जून को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘संगठन सृजन अभियान’ की औपचारिक शुरुआत भोपाल से की। इस अभियान के माध्यम से कांग्रेस जमीनी स्तर पर मजबूत संगठन तैयार करने के साथ-साथ नया नेतृत्व विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
संगठन को दी जाएगी नई दिशा, राहुल गांधी की अगुवाई में बदलाव की शुरुआत
प्रदेश कांग्रेस लंबे समय से नेतृत्व संकट और सांगठनिक बिखराव से जूझ रही थी। 2018 में कमल नाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार महज 15 महीने ही चल पाई थी। इसके बाद भारी संख्या में नेता-कार्यकर्ता पार्टी छोड़ चुके हैं। अब राहुल गांधी खुद प्रदेश की कमान संभालने मैदान में उतर आए हैं।
राहुल गांधी का गर्मजोशी से स्वागत, ‘विभीषणों’ को पहचानने का संकेत
भोपाल पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया। पूर्व में दिए गए बयानों में वे यह संकेत भी दे चुके हैं कि वे संगठन में ‘विभीषणों’ को चिन्हित करेंगे — यानी पार्टी के भीतर गद्दारी करने वालों पर सख्त नजर रखी जाएगी।
तीन अहम बैठकें और अधिवेशन, पाँच घंटे में संगठन को दी नई दिशा
राहुल गांधी का भोपाल दौरा लगभग 5 घंटे का रहा, जिसमें उन्होंने तीन प्रमुख बैठकों और एक बड़े अधिवेशन में भाग लिया:
1. राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक — जिसमें कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, हरीश चौधरी, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
2. सांसदों और विधायकों से संवाद — जिसमें वर्तमान संगठन की स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।
3. केंद्रीय पर्यवेक्षकों एवं प्रदेश प्रभारियों की संयुक्त बैठक — संगठन सृजन अभियान की भूमिका और जिम्मेदारियाँ तय की गईं।4. रवींद्र भवन में अधिवेशन — इसमें प्रदेश, जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
नई पीढ़ी को दी जा रही ज़िम्मेदारी, नेतृत्व में बदलाव की शुरुआत
कांग्रेस नेतृत्व अब पीढ़ी परिवर्तन की दिशा में बढ़ चुका है। पार्टी ने हाल ही में जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष, उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उपनेता नियुक्त किया है। यह संकेत है कि पार्टी वरिष्ठ नेताओं के साथ नई पीढ़ी को भी नेतृत्व में शामिल कर रही है।
जातिगत जनगणना को बताया राहुल गांधी की जीत
प्रदेश कांग्रेस अब जातिगत जनगणना को लेकर भी सक्रिय मुहिम चलाएगी। पार्टी का दावा है कि राहुल गांधी के लगातार दबाव के चलते केंद्र सरकार को इसके लिए राज़ी होना पड़ा। संगठन सृजन अभियान के तहत कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को यह संदेश देंगे कि सामाजिक न्याय के इस मुद्दे पर कांग्रेस और राहुल गांधी की भूमिका निर्णायक रही है।
भोपाल में एयरपोर्ट से कांग्रेस दफ्तर तक बनाए गए 52 स्वागत द्वारों पर भी जातिगत जनगणना को लेकर राहुल गांधी का आभार व्यक्त किया गया है।
मध्य प्रदेश में ‘नई कांग्रेस’ का आगाज
संगठन सृजन अभियान केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रदेश में कांग्रेस के पुनर्जीवन की योजना है। एक ओर राहुल गांधी ‘नए नेतृत्व’ और ‘नए चेहरे’ के साथ पार्टी को धार देने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं में भी नए जोश का संचार होता दिखाई दे रहा है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से सांगठनिक बदलाव की प्रक्रिया शुरू की है, वह संकेत है कि पार्टी अब केवल चुनावी तैयारियों के लिए नहीं, बल्कि लंबी रणनीति के तहत खुद को पुनर्स्थापित करने जा रही है। आने वाले महीनों में यह देखने लायक होगा कि यह नई कांग्रेस प्रदेश की राजनीति में क्या नया मोड़ लाती है।