कोटवारों की सेवा भूमि एवं मंदिरों की भूमि को सूचीबद्ध कर सुरक्षित रखें – संभाग कमिश्नर डॉ. रावत
सागर। नामांतरण प्रकरणों के डिस्पोजल प्रतिशत को बढ़ाए, जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल स्रोतों को पुनर्जीवित करें, कोटवारों की सेवा भूमि एवं मंदिरों की भूमि को सूचीबद्ध कर सुरक्षित रखें। उक्त निर्देश संभाग आयुक्त डॉ वीरेंद्र सिंह रावत ने कलेक्टर कार्यालय में आयोजित राजस्व अधिकारियों की बैठक में दिए।
इस अवसर पर संभाग जॉइंट कमिश्नर श्री विनय द्विवेदी, कलेक्टर संदीप जी आर, अपर कलेक्टर श्री रुपेश उपाध्याय सहित समस्त राजस्व अधिकारी मौजूद थे।
संभाग कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए की नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के डिस्पोजल प्रतिशत को बढ़ाएं। उन्होंने छिरारी, सागर, बंडा, केसली, शाहगढ़ का प्रतिशत कम होने पर नाराजगी व्यक्ति की एवं कहा कि 7 दिवस के अंदर निराकरणों का प्रतिशत बढ़ाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी कोई तकनीकी परेशानी आ रही है उसको कलेक्टर के माध्यम से वरिष्ठ कार्यालय के लिए सूचित किया जावे।
संभाग कमिश्नर डॉ. रावत ने सागर कलेक्टर श्री संदीप जी आर के द्वारा किए जा रहे तालाबों के सीमांकन एवं मुनारे स्थापित करने के कार्य एवं भू-अर्जन के प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करने पर बधाई दी और कहा कि इसी प्रकार तत्परता से कार्य आंगे भी किया जाए।
संभाग कमिश्नर डॉ. रावत ने कहा कि भू-अर्जन के प्रकरणों का समय पर निराकरण नहीं होने से शासन को आर्थिक क्षति होती है और शासकीय परियोजनाओं के अंतर्गत किए जा रहे निर्माण कार्यों की लागत भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना धारणाधिकार प्रकरणों का भी समय सीमा में निराकरण किया जावे। उन्होंने कहा कि शासन के द्वारा निर्देशित किया गया है कि फार्मर रजिस्ट्री, राशन प्राप्त करने वाले व्यक्तियों एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पात्र हितग्राहियों की ई-केवाईसी की जावे। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान 30 जून तक जारी रहना है इसके अंतर्गत सभी पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जाए और उनका संरक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी जनप्रतिनिधियों से समन्वय के साथ कार्य करें और आवश्यकता पड़ने पर उनसे संपर्क करें। उन्होंने नक्शा तरमीम के प्रकरणों का भी शीघ्रता से निराकरण करने की निर्देश दिए।
संभाग कमिश्नर डॉ. रावत ने समस्त राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि आने वाले समय में वर्षाकाल के मौसम में कहीं भी जल भराव की स्थिति न रहे इसके लिए अभी से प्रबंध किया जावे और सभी अपने-अपने क्षेत्र में कंट्रोल रूम स्थापित करें और बाढ़ आपदा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए समुचित संसाधन भी मौजूद रखें। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में कहीं भी जल भराव एवं बाढ़ की स्थिति निर्मित नहीं होना चाहिए। संभाग कमिश्नर ने लोकसेवा केंद्र के माध्यम से सभी कार्य करने की निर्देश दिए और समय-सीमा में काम न करने वाले अधिकारियों पर आर्थिक रूप से दंडित करने की निर्देश दिए।
कलेक्टर संदीप जी आर ने समस्त राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने अपने क्षेत्र में
जीर्णर्शीण एवं क्षतिग्रस्त भवनों को सूचीबद्ध कर कार्रवाई करें एवं कैंपकोर्ट लगाकर राजस्व प्रकरणों का निराकरण करें।
कलेक्टर श्री संदीप जीआर ने कहा कि कैंपकोर्ट लगाने के पूर्व आस-पास के समस्त ग्रामों में कैंपकोर्ट के संबंध में मुनादी कराई जाए जिससे कि अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने कार्यालय के राजस्व दस्तावेजों को स्कैन कराकर के ई-फाइलिंग कराएं जिससे कि ई-फाइलिंग के माध्यम से समय-सीमा में कार्य किया जा सके।
कलेक्टर संदीप जी आर ने तहसीलदारों कहा कि आप सभी शासन प्रशासन की छवि होते हैं और आप अपनी छवि को बरकरार बनाए रखें और समय-सीमा में राजस्व के प्रकरणों का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि तहसीलदार एवं पटवारी प्रतिदिन फील्ड पर मौजूद रहें और प्रकरणों का निराकरण करें।
कलेक्टर संदीप जी आर ने नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा संबंधी प्रकरणों निराकरण करने के साथ-साथ शासकीय पट्टे की भूमियों के रिकार्डों का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति शासकीय भूमि पर कब्जा करता है अथवा पूर्व से कब्जा हो तो उस शासकीय भूमि को नियमानुसार कार्यवाही करते हुए कब्जामुक्त कराएं आवश्यकता पड़ने पर पुलिस कार्रवाई भी करें। उन्होंने समस्त राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी अपनी-अपनी टूर डायरी अद्यतन रखें और कार्यालय में प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि सीमांकन के सभी कार्य मशीन के माध्यम से ही किए जाएं और सभी पटवारियों को मशीन संचालित करने का प्रशिक्षण भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व निरीक्षक सीमांकन के अतिरिक्त राजस्व अभिलेखों का अध्ययन भी करें।
कलेक्टर संदीप जी आर ने कहां कि वर्षा ऋतु में कहीं भी जल भराव की स्थिति निर्मित नहीं होना चाहिए और इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं सभी अपने-अपने क्षेत्र में गोताखोर सहित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए समुचित संसाधन रखें। उन्होंने कहा कि सभी राजस्व अधिकारी अपने-अपने वाहनों में टॉर्च, रस्सी, प्राथमिक उपचार किट सहित अन्य सामान हमेशा उपलब्ध रखें।