प्राचीन, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के जल स्त्रोतो को सहेजना हम सभी की जिम्मेदारी हैं
जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस पर बावड़ी उत्सव का आयोजन किया गया
सागर। कलेक्टर संदीप जी आर के निर्देश पर सागर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित की जा रहे हैं इसी परिपेक्ष में
मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद सागर विकासखंड द्वारा नागेश्वर मंदिर के सामने एवं सीआर मॉडल स्कूल के नजदीक स्थित प्राचीन ऐतिहासिक बावड़ी के प्रांगण में बावड़ी उत्सव मनाया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि – रामबाग मठ के महंत श्री घनश्याम दास महाराज , मुख्य वक्ता – केके मिश्रा , जिला समन्वयक, जन अभियान परिषद, विशिष्ट अतिथि- डीएस यादव , संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय विभाग, विशिष्ट अतिथि – डॉ एमडी त्रिपाठी , चंद्रप्रकाश शुक्ला , किशोर न्याय बोर्ड, सदस्य एवं नगर की बरिष्ठ समाजसेवी श्रीमति रेखा राजपूत उपस्थित रही ।
बावड़ी उत्सव का शुभारंभ रामबाग मठ के महंत घनश्याम दास महाराज जी के द्वारा बावड़ी का पूजन, अर्चन, मंत्रोच्चार एवं हनुमान चालीसा के पाठ से किया गया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि घनश्याम दास महाराज ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा की जन अभियान परिषद द्वारा बावड़ी उत्सव के रूप में नगर के ऐतिहासिक और प्राचीन धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से किये जा रहे इस प्रकार के आयोजन बहुत ही सराहनीय हैं और ऐसे आयोजन जन सहभागिता से समय समय पर होते रहने चाहिए ताकि हमारे पूर्वजो द्वारा बड़ी मेहनत से निर्माण किये गये इन प्राचीन, सांस्कृतिक,और ऐतिहासिक महत्व के जल धरोहर सुरक्षित रहें सके।
कार्यक्रम मुख्य वक्ता डीएस यादव , संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय विभाग ने उद्बोधन देते हुये कहा की बावड़ी उत्सव जन अभियान परिषद का एक अनोखा कार्यक्रम हैं जिससे हम सभी को यह अवसर मिला हैं की हम अपने आसपास के प्राचीन जल स्त्रोतो के ऐतिहासिक महत्त्व को समझ सके और इन्हे संरक्षित कर समाज में संतुलित, सुरक्षित और प्रदुषण मुक्त पर्यावरण का निर्माण कर अपनी आने वाली पीढ़ी को जल संकट और पर्यावरण के दुष्प्रभावो से बचा सके
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला समन्वयक श्री केके मिश्रा ने मप्र शासन द्वारा चलाये जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जन अभियान परिषद द्वारा किये जा रहे जल संरक्षण के कार्यों की विस्तृत जानकारी देते हुये कहा की विश्व पर्यावरण दिवस पर परिषद के माध्यम से पूरे प्रदेश में बावड़ी उत्सव एक साथ मनाया जा रहा हैं, जिसका उद्देश्य हमारे ग्राम नगर की प्राचीन ऐतिहासिक बावड़ीयों, कुआँ,तालाब जैसे प्राकृतिक जल स्त्रोतो को जन जगरूकता के माध्यम से संरक्षित और पुर्नजीवित करना हैं ताकि इनके जल का सदुपयोग कर जल समस्या का समाधान किया जा सके
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आचार्य श्री महेशदत्त त्रिपाठी जी ने कहा की दुर्गा सप्तशती के पंचम अध्याय में प्रकृति को माँ भगवती दुर्गा का ही स्वरुप माना गया हैं नमः प्रकृतये की व्याख्या करते हुये बताया की पंचतत्वों में जल, वायु, अग्नि, आकाश, पृथ्वी के संरक्षण और संवर्धन से ही हम सभी का जीवन सुलभ और सुरक्षित हैं उन्होंने नगर के विभिन्न प्राचीन बावड़ी, तालाबों के ऐतिहासिक महत्व को बताते हुये उनके रोचक संस्मरण सुनाये l कार्यक्रम में श्री चंद्रप्रकाश शुक्ला एवं श्रीमती रेखा राजपूत ने भी जल संरक्षण के प्रति अपना वक्तव्य दिया
उद्बोधन के बाद अतिथियों द्वारा सभी को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई
कार्यक्रम का आभार विकासखंड समन्वयक श्रीमती अंजली पाठक जी ने व्यक्त करते हुये सभी से परिषद द्वारा आयोजित आगे भी ऐसे ही आयोजन में अपनी सहभागिता करने का आह्वान किया l
कार्यक्रम का संचालन परामर्शदाता श्री नीरज व्यास एवं नवांकुर संस्था के कार्यक्रम समन्वयक गौरव सिंह राजपूत ने किया l कार्यक्रम में विशिष्ट जनों का सम्मान, महिला मंडल द्वारा विभिन्न भजनो की प्रस्तुति एवं सीएमसीएलडीपी के छात्रों द्वारा रंगोली बनाकर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया गया l
कार्यक्रम के समापन पर संध्या के समय ऐतिहासिक बावड़ी के चारो तरफ सभी के द्वारा दीपक प्रज्जवलन कर रोशिनी से सुसज्जित किया गया l
इस अवसर पर नवांकुर संस्थाओ के प्रतिनिधि नरेन्द्र अहिरवार,मुरली पवार, सोनू, गौरव राजपूत, प्रसफुटन समिति के राजेश पटैल, पूनम तिवारी, पूर्व छात्र नींलेश पटेरिया, सुनील प्रजापति, परामर्शदाता आरती प्रजापति, रश्मी ठाकुर, नीरज व्यास, संदीप रैकवार, स्वयं सेवी संस्थाओ के प्रबुद्ध जन एवं सीएमसीएलडीपी के छात्र उपस्थित रहे l