डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह से पहले बवाल

डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह से पहले बवाल, NSUI का जोरदार प्रदर्शन, कुलपति का पुतला फूंका

सागर। डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में 20 जून को होने वाले दीक्षांत समारोह से ठीक एक दिन पहले नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने छात्र हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर सिविल लाइन स्थित कुलपति भवन के सामने उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान NSUI कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीलिमा गुप्ता का पुतला दहन किया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा, जिससे परिसर में हड़कंप मच गया। मिली जानकारी के अनुसार NSUI के जिला अध्यक्ष अक्षत कोठारी के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र कुलपति भवन के सामने एकत्र हुए और धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं के प्रति उदासीन है और कई गंभीर मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। प्रदर्शन का मुख्य कारण हाल ही में विश्वविद्यालय परिसर में हुआ एक दर्दनाक सड़क हादसा है, जिसमें एक छात्र की मौत हो गई थी और तीन अन्य छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे। NSUI का आरोप है कि इस हादसे के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने न तो मृत छात्र के परिवार को कोई सहायता प्रदान की और न ही घायल छात्रों की मदद के लिए कोई कदम उठाया। इसके अलावा, NSUI ने विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में कथित घोटालों की जांच की मांग उठाई। अक्षत कोठारी ने कहा विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रियाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं, लेकिन प्रशासन इसकी जांच से बच रहा है। हम यह भी नहीं चाहते कि विश्वविद्यालय को RSS की फैक्ट्री बनाया जाए।


प्रदर्शन के दौरान NSUI ने विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने 8 प्रमुख मांगें रखीं जिनमें सड़क हादसे में मृत छात्र के परिवार को 50 लाख रुपये और घायल छात्रों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए। विश्वविद्यालय में भर्ती प्रक्रियाओं में हुए कथित घोटालों की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।परिसर में चल रहे अनावश्यक निर्माण कार्यों को तत्काल रोका जाए और सभी निर्माण की गुणवत्ता की जांच हो। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। विश्वविद्यालय के भवनों में साफ-सफाई और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पुराने वाटर कूलरों को हटाकर नए लगाए जाएं। विश्वविद्यालय के बड़े क्षेत्रफल को देखते हुए छात्रों के लिए बस और अन्य वाहनों की व्यवस्था की जाए, ताकि वे समय पर कक्षाओं में पहुंच सकें। स्नातक (UG) पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बढ़ाई जाए और स्थानीय छात्रों को 75% आरक्षण दिया जाए।
छात्र संघ चुनाव: लंबे समय से लंबित छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएं। छात्रावासों में भोजन की गुणवत्ता में सुधार किया जाए और छात्रों को पौष्टिक व गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाए सहित अन्य मांगे शामिल थी।
प्रदर्शन के दौरान स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई, जब NSUI कार्यकर्ताओं ने कुलपति का पुतला फूंका और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी तेज कर दी। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे छात्रों में आक्रोश और बढ़ गया। कई छात्रों ने पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की और इसे छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया।
मालूम हो कि 20 जून को डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में होने वाला दीक्षांत समारोह को NSUI के इस उग्र प्रदर्शन ने समारोह के माहौल को पहले ही गर्म कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है, ताकि समारोह के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। NSUI जिला अध्यक्ष अक्षत कोठारी ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा हम छात्रों के हितों के लिए लड़ रहे हैं। प्रशासन को हमारी मांगों को गंभीरता से लेना होगा, वरना हम दीक्षांत समारोह को बाधित करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। पुतला दहन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सेवा दल अध्यक्ष सिंटू कटारे, अक्षय दुबे, एन.एस.यू.आई प्रदेश महासचिव शाहरुख खान रिंकू, वि.वि अध्यक्ष अंशुल शर्मा, साहिल खटीक बंडा,सागर साहू,अम्बर खत्री, आलोक,सोनी,सौरभ खटीक,संदीप चौधरी,देव पाठक,जतिन सिंह,राहुल खटीक,मुदित वैद्य, प्रसून, भारत ठाकर मौजूद रहे।

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