लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी का महिला सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण का संकल्प

लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी का महिला सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण का संकल्प

भोपाल। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में कहा कि देवी अहिल्याबाई नारी शक्ति के अमूल्य योगदान और राष्ट्र निर्माण की प्रेरक प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने लोकमाता के प्रेरक विचार “जो कुछ भी हमें मिला है, वह जनता द्वारा दिया गया ऋण है जिसे हमें चुकाना है” को उद्धृत करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार इन्हीं आदर्शों पर कार्य कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने महासम्मेलन को संबोधित करते हुए सरकार की नारी-केन्द्रित योजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें चार करोड़ से अधिक घरों का निर्माण, हर घर जल योजना, उज्ज्वला योजना, और आयुष्मान भारत जैसी पहलें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार वूमेन-लेड डेवलपमेंट को विकास का केंद्रबिंदु बना रही है।

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देवी अहिल्याबाई पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें उनके सुशासन, महिला स्वावलंबन और धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण के योगदान को प्रदर्शित किया गया। उन्होंने महिला हस्तशिल्पकारों, “ड्रोन दीदी” और स्व-सहायता समूहों से भी संवाद किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनजातीय कलाकार डॉ. जयमती कश्यप को ‘देवी अहिल्या राष्ट्रीय सम्मान’ से सम्मानित किया और देवी अहिल्याबाई को समर्पित विशेष डाक टिकट और ₹300 का स्मारक सिक्का जारी किया। इसके साथ ही उन्होंने दतिया और सतना हवाई अड्डों का लोकार्पण और इंदौर मेट्रो का शुभारंभ भी किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परिवहन परियोजनाओं से मध्यप्रदेश की कनेक्टिविटी, रोजगार और पर्यटन को नई गति मिलेगी। उन्होंने 1271 अटल ग्राम सेवा सदनों के निर्माण हेतु प्रथम किस्त के तौर पर 483 करोड़ रुपये का वर्चुअल अंतरण भी किया।

अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने देवी अहिल्याबाई के शासन मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने समाज के वंचित वर्गों को प्राथमिकता दी, जल संरक्षण, फसल विविधीकरण, और महिलाओं की ग्राम सुरक्षा टोलियां जैसी दूरदर्शी योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने महेश्वरी साड़ी उद्योग को प्रोत्साहन देने वाले उनके कार्यों को भी उल्लेखनीय बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की नारी शक्ति अब राष्ट्र रक्षा में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है। उन्होंने BSF की बेटियों की बहादुरी की सराहना की और कहा कि अब बेटियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, युद्धपोत संभाल रही हैं और एनडीए से पास आउट होकर मोर्चे पर तैनात हो रही हैं।

उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि 75 महिलाएं संसद में हैं, और महिला आरक्षण कानून के लागू होने से राजनीति में महिला भागीदारी और सशक्त होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना है और अब तक 1.5 करोड़ महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं।

इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री ने देवी अहिल्याबाई को भारतीय संस्कृति, सेवा और सुशासन की अमर प्रतीक बताया और उनके पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई के सुशासन का आज भी अनुकरण किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि को रेखांकित किया।

कार्यक्रम में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, उप मुख्यमंत्रीगण, केंद्र एवं राज्य के मंत्रीगण, सांसद, महापौर, जनप्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में माताएं-बहनें उपस्थित थीं।

 

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