नगर निगम क्षेत्र में विकसित अवैध कॉलोनीयों में प्लॉट खरीदकर परेशानियों में न फसें नागरिक : निगमायुक्त

नगर निगम क्षेत्र में विकसित अवैध कॉलोनीयों में प्लॉट खरीदकर परेशानियों में न फसें नागरिक : निगमायुक्त

नगर पालिक निगम अंतर्गत अवैध कॉलोनी विकसित कर खण्ड-खण्ड प्लॉट बेचने पर दिया गया कॉलोनी विकसित करने वालों को नोटिस

सागर। कार्यालय नगर तथा ग्राम निवेश सागर के सागर विकास योजना 2035 अनुसार घोषित शहर के हरित क्षेत्र(ग्रीन बेल्ट) में अवैध रूप से विकसित की जा रहीं कॉलोनीयों में नागरिक भूखंड प्लॉट आदि न खरीदें। उक्त बात निगमायुक्त श्री राजकुमार खत्री ने शहर में अवैध रूप से कॉलोनीयों का निर्माण करने वालों को नोटिस जारी करते समय कहीं। क्योंकि अवैध कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं के आभाव के साथ ही नियमानुसार प्लॉट का क्रय विक्रय शून्य होने की समस्या का सामना प्लॉट खरीदने वालों को करना पड़ सकता है। नगर पालिक निगम द्वारा संत रविदास वार्ड निवासी अब्दुल लतीफ, अब्दुल अजीज, अब्दुल हमीद, अब्दुल रसीद तनय मोहम्मद अली और बाघराज वार्ड निवासी सुनील बद्रीविशल जड़िया, मनीष बद्रीविशाल जड़िया को अवैध रूप से कॉलोनी विकसित कर खण्ड खण्ड प्लॉट बेचने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अब्दुल लतीफ, अब्दुल अजीज, अब्दुल हमीद, अब्दुल रसीद तनय मोहम्मद अली द्वारा संत रविदास वार्ड 22 के खसरा क्रमांक 70/4, 70/2/2, 11/2, 71, 72/2, 73/2, एवं 74 में अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है। इसी प्रकार बघराज वार्ड निवासी सुनील बद्रीविशल जड़िया, मनीष बद्रीविशाल जड़िया द्वारा ग्राम कनेरादेव जिला सागर के हल्का नं 63 में खसरा क्रमांक 214/19/1/2, में अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है। हरित क्षेत्र में अवैध कॉलोनी विकसित करने का कृत्य मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियम 292(ग) के उपनियम(1),(2),(3) और (4) के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें उक्त अपराध के लिए 7 वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है। साथ ही मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के नियम 292(ड) के उपनियम (2) के अंतर्गत उक्त अवैध कॉलोनी में भू-खण्डो का क्रय-विक्रय शून्य किया जा सकता है। नगर निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री ने अवैध कॉलोनी निर्माण के उक्त कृत्य करने पर उक्त कॉलोनी निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सभी संबंधित अवैधनिक विकास कार्य और प्लॉटों का क्रय-विक्रय तत्काल रोकने का आदेश दिया है साथ ही 15 दिन के अंदर कारण दर्शित करने का आदेश दिया। 15 दिन में मय दस्तावेज और साक्ष्य के जबाब प्रस्तुत न करने की स्थिति में उक्त भूमि से समस्त अवैध निर्माण कार्य हटाने के साथ ही नगर पालिक निगम के सुसंगत प्रावधानों के तहत दाण्डिक कार्यवाही के लिए पुलिस एफ आई आर दर्ज की जायेगी।

*नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्मित कॉलोनीयों के विकास में ये पाई गई कमियाँ*

उक्त कॉलोनी विकसित करने वालों द्वारा बिना कॉलोनाइजर का लाइसेंस लिए कॉलोनी विकास कार्य, बिना भूमि के व्यपर्तन, बिना ग्राम एवं नगर निवेश की अनुमति के, बिना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों एवं निम्न आय वर्गों के लिए भू-खण्डो/ भवनों का प्रावधान किये, बिना विकास अनुमति, बिना आश्रय शुल्क का भुगतान किये, रोड, नाली, सीवरेज, जलप्रदाय एवं विद्युत लाइन आदि बाह्य विकास कार्यों के बिना सहित भूमि का समतलीकरण, पुलिया निर्माण, प्रस्तावित मार्गों का सीमांकन, पार्क निर्माण, जल निकासी की व्यवस्था, जलप्रदाय व्यवस्था, आंतरिक सीवर लाइन, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, आंतरिक विद्युत वितरण प्रणाली का विकास, ठोस अप्शिष्ट प्रबंधन, ओवर हेड टेंक, वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि आंतरिक विकास कार्यों के बिना कृषि भूमि को खण्ड-खण्ड कर प्लॉट के रूप में विक्रय कर अवैध कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। इससे भविष्य में यहां प्लॉट लेकर मकान बनाने और रहने वाले रहवासियों को विभिन्न मूलभूत सुविधाओं और नागरिक सेवाओं में असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

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