फर्जी डॉक्टर द्वारा की गई हार्ट सर्जरी में सात मौतें: FIR दर्ज, मानवाधिकार आयोग करेगा जांच

फर्जी डॉक्टर द्वारा की गई हार्ट सर्जरी में सात मौतें: FIR दर्ज, मानवाधिकार आयोग करेगा जांच

दमोह शहर के निजी मिशन अस्पताल में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बिना पंजीयन के काम कर रहे फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जान केम द्वारा की गई एंजियोप्लास्टी सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत के मामले में आखिरकार रविवार रात करीब एक बजे कोतवाली में FIR दर्ज की गई। यह कार्रवाई उस वक्त हुई, जब राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम सोमवार को जांच के लिए दमोह आने वाली है।

सीएमएचओ ने सौंपा प्रतिवेदन, डॉक्टर पर गंभीर आरोप

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मुकेश जैन ने कोतवाली पहुंचकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने के लिए प्रतिवेदन सौंपा। उनके अनुसार, डॉक्टर नरेंद्र जान केम मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत नहीं हैं और उन्होंने मिशन अस्पताल में अवैध रूप से एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी कीं। उनके दस्तावेज मेडिकल काउंसिल की साइट पर नहीं मिले, जिससे उनके पंजीकरण पर गंभीर संदेह उत्पन्न हुआ है।

डॉ. जैन ने यह भी बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, इसलिए नियमानुसार कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक को भेजा गया।

किन धाराओं में मामला दर्ज हुआ

सीएसपी अभिषेक तिवारी के अनुसार, आरोपी डॉक्टर और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) वीएनएस और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 24 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की गई है।

मृतकों की हुई पहचान, परिजनों को बुलाया गया

सर्जरी के बाद जिन सात मरीजों की मृत्यु हुई, उनमें से पांच की पहचान हो चुकी है। इन मृतकों के नाम हैं:

1. सत्येन्द्र सिंह राठौर, निवासी लाडनबाग, हथना

2. रहीसा बेगम, निवासी पुराना बाजार नंबर 2

3. इजरायल खान, निवासी डॉ. पसारी के पास

4. बुधा अहिरवाल, निवासी बरतलाई, पटेरा

5. मंगल सिंह राजपूत, निवासी बरतलाई, पटेरा

सीएमएचओ ने इन पांचों के परिजनों को बयान देने के लिए बुलाया है।

शिकायत के दो महीने बाद हुई कार्रवाई

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष दीपक तिवारी ने बताया कि जनवरी-फरवरी 2025 में करीब 15 हार्ट मरीजों की एंजियोप्लास्टी की गई, जिनमें से 7 की मौत हो गई। फरवरी में शिकायत के बावजूद सीएमएचओ ने तत्काल कोई सख्त कदम नहीं उठाया, जिसके बाद मार्च में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से शिकायत की गई।

मानवाधिकार आयोग की टीम दमोह में

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम 7 और 8 अप्रैल को दमोह सर्किट हाउस में मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज करेगी। टीम में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष को भी शामिल किया गया है।

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