एमपी में दो से अधिक संतान पर बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, शिक्षक नसीर खान को राहत
जबलपुर। मध्य प्रदेश में दो से अधिक संतान होने पर सरकारी सेवा से बर्खास्तगी के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय दिया है। हाईकोर्ट ने शिक्षक नसीर खान की बर्खास्तगी पर अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी है।
नसीर खान मैहर स्थित एक मिडिल स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उन्हें 6 मार्च 2025 को सेवा से मुक्त कर दिया गया था। यह कार्रवाई 10 मार्च 2000 के परिपत्र के आधार पर की गई थी, जिसमें यह प्रावधान है कि यदि किसी उम्मीदवार की दो से अधिक जीवित संतान हैं और उनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 या उसके बाद हुआ हो, तो वह किसी सरकारी सेवा के लिए अयोग्य माना जाएगा।
हालांकि, नसीर खान की नियुक्ति वर्ष 1998 में हुई थी। कोर्ट ने पाया कि परिपत्र में “उम्मीदवार” शब्द का प्रयोग किया गया है, जो नए नियुक्तियों पर लागू होता है, न कि पहले से सेवा में कार्यरत कर्मचारियों पर। इसी आधार पर कोर्ट ने उनकी सेवामुक्ति के आदेश पर रोक लगाई।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस विशाल मिश्रा की एकल पीठ में हुई। कोर्ट ने आयुक्त लोक शिक्षण, जिला शिक्षा अधिकारी मैहर समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए तलब किया है। साथ ही, याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व में आए समान प्रकृति के मामलों के आदेशों का भी उल्लेख किया गया।
यह फैसला न केवल नसीर खान के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि ऐसे अन्य कर्मचारियों के लिए भी उम्मीद की किरण बन सकता है जो इसी तरह के निर्णयों से प्रभावित हुए हैं।