MP के उज्जैन में शराबबंदी : 1 अप्रैल से शराब बिकना बंद 17 दुकानें बंद !!
उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में 1 अप्रैल से नगर सीमा के अंतर्गत आने वाली 17 शराब दुकानों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इस निर्णय के तहत शहर में संचालित बार और होटलों में भी शराब की बिक्री प्रतिबंधित होगी। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर कोई प्रतिबंध के बावजूद शराब बेचता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, कालभैरव मंदिर के पास स्थित दो शराब दुकानें इस बंदी में शामिल नहीं हैं, ताकि भगवान कालभैरव के भोग की परंपरा को बनाए रखा जा सके।
नियम और दिशा-निर्देश
शराब पीने पर प्रतिबंध नहीं: शहरवासियों को अपने घर में अधिकतम चार बोतल शराब रखने और पीने की अनुमति होगी, लेकिन शराब पीकर वाहन चलाना प्रतिबंधित रहेगा।
शराब पार्टी के लिए अनुमति आवश्यक: यदि कोई व्यक्ति शराब पार्टी आयोजित करना चाहता है, तो उसे शहर से बाहर आयोजन करना होगा और इसके लिए आबकारी विभाग से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
शहर में नशे की हालत में प्रवेश वर्जित: धार्मिक नगरी होने के कारण, शराब पीकर उज्जैन नगर सीमा में प्रवेश करना प्रतिबंधित कर दिया गया है। पुलिस ने बाहरी मार्गों पर ब्रीथ एनालाइजर से चेकिंग शुरू कर दी है।
तस्करी पर सख्ती: शराब बंदी की घोषणा के बाद से शराब तस्करों द्वारा स्टॉक किए जाने की खबरें सामने आई हैं। पुलिस और आबकारी विभाग इस पर नजर बनाए हुए हैं।
बंद होने वाली 17 शराब दुकानें
शहर के प्रमुख स्थानों पर स्थित जिन शराब दुकानों को बंद किया जाएगा, उनमें शामिल हैं:
इंदौर गेट
मकोडिया आम
कोयला फाटक
फाजलपुरा
टंकी चौक
छत्री चौक
केडी गेट
नई सड़क
जयसिंहपुरा
नीलगंगा कवेलू कारखाना
फ्रीगंज जीरो पाइंट ब्रिज
नानाखेड़ा बस स्टैंड-1 और 2
सांवेर रोड दो तालाब
पंवासा
नागझिरी-1 और नागझिरी-2
इन सभी दुकानों को स्थायी रूप से बंद करने से अनुमानित दो अरब रुपये का कारोबार प्रभावित होगा।
कालभैरव भोग की व्यवस्था
कालभैरव मंदिर में मदिरा भोग की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मंदिर समिति द्वारा भगवान के भोग की व्यवस्था पूर्ववत जारी रहेगी। हालांकि, मंदिर के सामने स्थित शराब काउंटर नगर निगम सीमा में आते हैं, इसलिए इन्हें हटाया जाएगा। मंदिर समिति इस परंपरा को कैसे जारी रखेगी, इस पर जल्द ही एक नई योजना बनाई जाएगी।
गजट नोटिफिकेशन में कालभैरव का उल्लेख नहीं
1 अप्रैल से लागू हो रही शराबबंदी के गजट नोटिफिकेशन में उज्जैन के कालभैरव मंदिर के पास स्थित दुकानों का जिक्र नहीं किया गया था। लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक परंपरा का सम्मान किया जाएगा और मंदिर समिति को मदिरा भोग की व्यवस्था करने की अनुमति दी जाएगी।
शहर में इस फैसले को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जहां एक ओर धार्मिक नगरी में शराबबंदी को सराहा जा रहा है, वहीं कुछ लोग इस निर्णय से शराब तस्करी बढ़ने की आशंका भी जता रहे हैं। प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी रखने का भरोसा दिया है।