Sagar। डॉ. सर हरिसिंह गौर को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘’भारत रत्न’’ प्रदान किए जाने की मांग को लेकर सागर सांसद श्रीमती लता गुड्डू वानखेड़े ने की केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह से भेंट कर
सर डॉक्टर हरि सिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने के सागर वासियो के प्रयासों से अवगत कराया।
सांसद श्रीमती लता गुड्डू वानखेड़े ने डॉक्टर सर हरीसिंह गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी से मुलाकात की और सागर लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में उनसे निवेदन किया कि सागर नगर एवं बुन्देलखण्ड वासियों की वर्षो पुरानी महत्वपूर्ण मांग जो सागर नगर ही नहीं पूरे बुन्देलखण्ड क्षेत्र से जोर – शोर के साथ उठाई जाती रही हैं, वह मांग भारत के सपूत, सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति, विधि के अद्तिय जानकार, मेधावी, भारत के साथ – साथ विश्व के मानस पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले मनीषी, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति, भारतीय संविधान सभा के सदस्य डॉ. हरिसिंह गौर को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘’भारत रत्न’’ से विभूषित किया जाए।
उन्होंने अमित शाह जी से निवेदन किया कि डॉ. सर हरिसिंह गौर ने सागर नगर से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण कर अपनी आगे की पढ़ाई जबलपुर तथा नागपुर में पूर्ण कर उच्चतर शिक्षा के लिए पश्चिम के ख्याति प्राप्त कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लेने एवं अपना अध्ययन पूर्ण कर विधि के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले सर डॉ. हरिसिंह गौर को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘’भारत रत्न’’ से अंलकृत करने के लिये सागर लोकसभा क्षेत्र की ओर से यह प्रस्ताव सौपा है,ताकि आपकी ओर विशेष अनुकंपा से सागर एवं बुन्देलखण्ड अंचल की महत्वकांक्षा को मूर्त रूप मिले ।
आगे डा वानखेड़े ने निवेदन किया कि डॉ. सर हरिसिंह गौर की ख्याति विश्व प्रसिद्ध है जिन्होंने सागर नगर को अपनी संपूर्ण अर्जित निधियों के अमूल्य दान से सागर विश्वविद्यालय को बनाने वाले इस महारथी नायक को इतिहास में अजर अमर करने के लिए ‘’भारत रत्न’’ जैसे सर्वोच्च सम्मान का दिया जाना न्यायोचित होगा।
डॉ. सर हरिसिंह गौर की यह अभिलाषा थी कि सागर एवं बुन्देलखण्ड के लोग उच्च शिक्षा से वंचित न रहें इस हेतु उन्होनें विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। डॉ. गौर जानते थे कि अपने लोगों की सामाजिक दशा को एक मात्र शिक्षा के माध्यम से ही बेहतर किया जा सकता है। अपने जीवन के उत्तरार्ध में सागर नगर में लौटना और इस विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिए अपना सर्वस्व दान करना उनके व्यक्तित्व की विराटता को रेखांकित करता है ।
उन्होंने कहा कि डॉ. गौर ने अपने क्षेत्र के गरीब, पिछड़े एवं महिलाओं की सामाजिक दशा को सुधारने एवं उनका सर्वांगीण विकास करने के लिए शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने हेतु इस विश्वविद्यालय में शिक्षकों का बेहतर प्रबंध किया था, डॉ. गौर ने अपनी स्वअर्जित संपूर्ण संपत्ति दान कर सागर नगर में विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
उन्होंने कहा कि डॉ. गौर के द्वारा लिखी गई कानून की अनेक किताबें बेमिसाल हैं, जैसे – हिन्दू विवाह अधिनियम, संपत्ति हस्तांतरण अधिनियम, हिन्दू लॉ, बाल सुरक्षा अधिनियम, भारतीय दंड संहिता तुलनात्मक विश्लेषण आदि ये कानून की किताबें आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी आज से 75 वर्ष पूर्व थीं।
डॉ. गौर विधि के ज्ञाता ही नहीं थे अपितु उनकी दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, साहित्य के क्षेत्र में भी रूचि थी। विश्वविख्यात कवि एवं साहित्यकार लार्ड टेनीसन ने डॉ. गौर की रचनाधर्मिता को पहचाना और उसकी भूरि – भूरि प्रशंसा भी की ।
डॉ. गौर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को दृष्टिगत रखते हुए समूचे बुन्देलखण्ड के नागरिकों, विद्यार्थियो एवं सामाजिक संस्थाओं ने गौर जयंती के पूर्व हजारों की संख्या में राष्ट्रपति के नाम हस्ताक्षरित पोस्ट कार्ड प्रेषित कर भारत रत्न दिलाये जाने की पुरजोर मांग की, 26 नवम्बर 2024 को लगभग 21 हजार जन मानस ने मानव श्रृंख्ला बनाकर 6.5 कि.मी. की लम्बी पुष्पमाला अर्पित की गई जिसका का ‘’गोल्डन बुक वर्ल्ड ऑफ रिकार्ड’’ में सबसे लम्बी माला का कीर्तिमान भी दर्ज हुआ हैं, वहीं अनेक महाविद्यालयों एवं विद्यालयों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के द्वारा मानव आकृति बनाकर डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाये जाने की अपनी भावनओं से अवगत कराया है, इस प्रकार हम सभी क्षेत्रवासी वर्ष 1946 से 2024 तक निरंतर अपने तथ्यात्मक भारत रत्न के हकदार के रूप में मांग करते आ रहे हैं कि डॉ. गौर को भारत रत्न मिले ।
उन्होंने मंत्री जी से निवेदन किया कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने इस देश की अनेक ऐसी प्रतिभाओं को उनके आंचलिक परिवेश से बाहर निकालकर उनके कर्मयोगी जीवन को एक नई पहचान प्रदान कर इतिहास में उनके सद्कर्मों को अजर – अमर कर दिया है, इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि आप डॉ. सर हरिसिंह गौर जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के हर पहलू को देख कर सागर नगर एवं बुन्देलखण्ड वासियों की हार्दिक आकांक्षा को परिपूर्ण करते हुए डॉ. सर हरिसिंह गौर जी को भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘’भारत रत्न’’ से अंलकृत कर हम सभी बुन्देलखण्ड वासियों को गौरान्वित करेंगें।
इस आशय का उन्होंने ज्ञापन भी माननीय गृहमंत्री माननीय अमित शाह जी को सौपा।