विश्वविद्यालय : विधि शिक्षण विभाग में संविधान दिवस समारोह के अवसर पर न्यायिक सुधार विषय पर विशेष व्याख्यान आयोजित
सागर। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के विधि शिक्षण विभाग में संविधान दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों के तारतम्य में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. पी. राघवन (भा. प्र. से. सेनि., पूर्व कलेक्टर एवं कमिश्नर, सागर, म.प्र.) के द्वारा “न्यायिक सुधार” विषय पर विशेष व्याख्यान दिया गया एवं ‘छात्र संवाद’ के माध्यम से विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान के साथ हुआ इसके पश्चात संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर संविधान के पालन की शपथ ली गई। विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता डॉ. राघवन ने न्यायिक सुधार के संबध में त्वरित न्याय, लंबी व खर्चीली न्यायालीन प्रक्रिया, लंबित वादों की संख्या, न्यायाधीशों के रिक्त पद, पक्षकारों को प्रक्रिया के दौरान आने वाली व्यावहारिक समस्याओं, एवं न्यायिक जटिलता के संबंध में महत्वपूर्ण एवं व्यावहारिक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए त्वरित एवं कम खर्चीली न्याय व्यवस्था के बारे में व्यवस्थाओं में आवश्यक सुधार करने होंगे। विद्यार्थियों को उनके जीवन की सफलता की शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में न्यायिक सुधारो का प्रबल पक्षधर बनने और व्यस्थात्मक सुधारों के लिए प्रेरित किया।
इसके अतिरिक्त उन्होंने शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का भी अनुभवजन्य व्यावहारिक समाधान किया। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष प्रो. वाय. एस. ठाकुर के द्वारा अध्यक्षीय उद्धबोधन दिया गया एवं विषय के विभिन्न पक्षों सहित वर्तमान समस्याओं पर प्रकाश डाला। विधि शिक्षण विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद भारद्वाज के द्वारा स्वागत उद्धबोधन प्रस्तुत किया गया। श्री कृष्ण कुमार के द्वारा विभाग की गतिविधियों एवं उपलब्धियों को बताया गया। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. विकास अग्रवाल द्वारा विशिष्ट अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया गया। आभार डॉ. अनुपमा पंडित सक्सेना ने दिया। इस अवसर पर श्री विवेक दुबे, डॉ. रामदास राज, डॉ. रूपाली श्रीवास्तव, श्री भरत सिंह, श्री मुकेश कोरी, कु. ज्योति सोनी, श्री नवनीत सिंह, समस्त शोध छात्र एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थिति रहे।