गर्भवती महिलाओं की जांच के समय ही अच्छे खान-पान की सलाह दें
जननी सुरक्षा एवं 108 की आई ट्रिपल सी से मॉनिटरिंग करने के निर्देश
मरीज का रेफरल ऑडिट कराए, सौरई सहित अन्य औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत सेवकों की टीवी जांच कराएं
वरिष्ठ ,वृद्धजनों सहित सभी पात्र के आयुष्मान कार्ड शत प्रतिशत बनाएं -कलेक्टर श्री संदीप जी आर
जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक संपन्न
सागर। कलेक्टर संदीप जी आर ने जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं एएनसी जांच के समय ही उन्हें अच्छे खान-पान की सलाह दें। उन्हें सुपोषित गर्भावस्था के संबंध में आवश्यक जानकारी दें, जिससे एक स्वस्थ मां एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे।
उन्होंने निर्देश दिये कि जननी सुरक्षा एवं 108 की आई ट्रिपल सी से मॉनिटरिंग की जाए। सीएमएचओ, सिविल सर्जन मरीज का रेफरल ऑडिट कराने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा है कि सौरई सहित अन्य औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत सभी कर्मचारियों की टीबी जांच कराएं साथ ही वरिष्ठ जन, वृद्ध जनों और सभी पात्र व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड शत प्रतिशत बनाएं।
इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक के वी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरी, सिविल सर्जन डॉ. आर एस जयंत, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश त्रिपाठी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एम एल जैन , सभी बीएमओ, सीडीपीओ सहित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के सभी फील्ड अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं की सभी जांच समय पर हों और जांच करते समय उनको आवश्यक जानकारी दें जिससे उनका प्रसव आसान हो और इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी हो। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह विशेष रूप से ध्यान दें कि किसी भी स्थिति में गर्भवती महिलाओं को घर से लेकर अस्पताल तक आने-जाने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। जननी सुरक्षा एवं 108 समय पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा एवं 108 की आई ट्रिपल सी से जीपीएस सिस्टम के माध्यम से निगरानी की जाए, जिससे कि उनकी रियल टाइम मोनिटरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी छोटी अस्पताल से अन्य बड़ी अस्पताल में रेफरल करने का ऑडिट किया जाए, जिससे वास्तविक स्थिति का अध्ययन किया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला चिकित्सालय तक में सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हो। आवश्यकता पड़ने पर संसाधन उपलब्धता तथा वितरण व्यवस्था को पुनः रिवाइज किया जावे।
उन्होंने कहा कि जहां पर भी सोनोग्राफी एवं एक्स-रे की व्यवस्था नहीं है वहां पोर्टेबल सोनोग्राफी एवं एक्स-रे मशीन की व्यवस्था की जाए और इसके लिए विधिवत समय सारणी तैयार की जावे और इसका पहले से प्रचार प्रसार किया जावे। साथ ही सभी तैयारियां की जाए जिससे सभी की सोनोग्राफी या एक्स-रे किया जा सके।
उन्होंने कहा कि बंडा के सॉरी सहित सिदगुवां के सभी औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों की टीबी की जांच कराई जावे और यदि कोई लक्षण मिलते हैं तो तत्काल उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर इलाज प्रारंभ किया जाए।
कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्र शत-प्रतिशत भरे रहें। इसका उद्देश्य बच्चों का स्वास्थ्य सुधार है। उन्होंने कहा कि कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों को भर्ती किया जावे एवं उन्हें गाइडलाइन के अनुसार पोषण युक्त खाना प्रदान किया जावे। सभी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी लगातार स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करें और उसमें सभी डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें। यदि कहीं लापरवाही या अनुपस्थित पाई जाती है तो उन पर सख्त कार्रवाई की जावे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना हम सभी का प्राथमिक दायित्व है, इसे पूरी जिम्मेदारी से निभाएं।
कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के जर्जर भवनों को तत्काल डिस्मेंटल करें जिससे कि नया भवन बनाया जा सके।
कलेक्टर ने एएनएम से ली पंजीयन की जानकारी
कलेक्टर संदीप जी आर ने समीक्षा बैठक में ही एएनएम को बुलाकर मोबाइल के माध्यम से एएनएम के द्वारा की जाने वाली पोर्टल फीडिंग की जानकारी प्राप्त की और कहा कि सभी संबंधित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी गर्भवती माता की सभी जांचों की जानकारी पोर्टल पर अद्यतन करें और सभी की जांच समय-समय पर हो यह सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने मलेरिया की भी समीक्षा की और कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मलेरिया की जांच लगातार की जाए और आवश्यकता अनुसार दवाओं का वितरण किया जाए।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल द्वारा आरएफपी के माध्यम से संस्था ग्राम भारतीय महिला मंडल का चयन सागर जिले में परामर्श सेवा एवं उमंग स्कूल हेल्थ एंड वैलनेस कार्यक्रम के तहत प्राचार्य एवं शिक्षकों का प्रशिक्षण करने हेतु किया गया है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत जिला अस्पताल एवं सागर जिले के 6 ब्लॉक में उमंग क्लीनिक का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति जिला सागर की सहायता से किया जा रहा है अन्य ब्लॉक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के आदेश अनुसार उमंग क्लीनिक का संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना साथ में सकल प्रजनन दर को भी काम करना मुख्य है