‘जि़ंदगी आस करें भी तो क्या करें’: गौर विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत काव्य गोष्ठी सम्पन्न

विश्वविद्यालय : हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत काव्य गोष्ठी सम्पन्न

सागर। डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलगुरू की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से हिन्दी पखवाड़ा- 2024 के अंतर्गत भारतीय भाषा प्रकोष्ठ एवं हिंदी क्लब के सौजन्य से आयोजित ‘स्व-रचित रचनापाठ’ कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

स्व-रचित रचना पाठ कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. महेन्द्र आर्या, सहायक प्राध्यापक की कविता ‘चालीस पार’ से हुआ. डॉ. अनूपी समैया, सहायक प्राध्यापक ने कविता के माध्यम से वि़द्यार्थियों की मनोदशा का बखूबी चित्रण किया। डॉ. रामहेत गौतम, सहायक प्राध्यापक ने अपनी कविता ‘सत्यम नाम है मेरा’ में एक बच्चे की पढ़ने की इच्छा को शब्द दिए. विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. सर हरीसिंह गौर के प्रति अपनी कृतज्ञता व्य‍क्त करते हुए ‘गॉड फादर ऑफ सागर’ एवं ‘भए डॉक्टर गौर दानी’ कविताओं की मनमोहक प्रस्तुति दी. शोधार्थी हिंमाशु तिवारी ने ‘जि़ंदगी आस करें भी तो क्या करें’ ग़ज़ल को तरन्नुम में गाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए. कार्यक्रम में डॉ. विवेक जायसवाल, सहायक प्राध्या‍पक और डॉ. राकेश सोनी, सहायक प्राध्यापक ने क्रमश: ‘संशय’ और ‘भौंरा’ कविता का पाठ किया. डॉ. उदय श्रीवास्तव, अनुभाग अधिकारी की कविता ’समाधान’ को श्रोताओं ने खूब सराहा. डॉ. हिमांशु यादव, सहायक प्राध्यापक की कविता ‘बेटी और साइकिल’ भी खूब सराही गयी. कार्यक्रम में प्रबल पाण्डेय, श्री शशांक सौरभ, श्री अम्बुज श्रीवास्तव, अनुराग यादव, श्री दीपेन्द्र लोधी, सिद्धांत शर्मा, हरीश द्विवेदी, राघवेन्द्र् सिंह लोधी, बालमुकुंद अहिरवार आदि विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं कर्मचारियों ने अपनी मौलिक रचनाएं प्रस्तुत कीं. प्रभारी हिन्दी अधिकारी एवं हिन्दी पखवाड़ा के संयोजक संतोष सोहगौरा की ‘इंतजार है’ कविता ने श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी. विशेष आकर्षण प्रो. नवीन कानगो द्वारा प्रस्तुत ग़ज़ल ‘कहकशां हूं मैं’ रही. आभार ज्ञापन कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. संजीव सर्राफ, उपपुस्त़कालयाध्यंक्ष ने किया. संचालन राजभाषा प्रकोष्ठ के अभिषेक सक्सेना ने किया. विशेष सहयोग श्री विनोद रजक एवं पुस्तकालय के सूचना विज्ञानी श्री दयानप्पा कोरी का रहा. इस अवसर पर श्रोता के रूप में डॉ. संजय नाईनवाड, डॉ. हेमंत रावत, सलोनी शर्मा सहित भारी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
हिन्दी पखवाड़ा के संयोजक  संतोष सोहगौरा ने बताया कि इसी क्रम में कल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए ‘भारत की भाषायी एवं सांस्कृातिक विविधता’ विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन ललित एवं प्रदर्शनकारी कला विभाग में किया जा रहा है, जिसमें विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए जायेंगे।

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