76 वर्षीय रिटायर्ड अफसर से 2.5 करोड़ का डिजिटल फ्रॉड, पोर्न वीडियो और मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर धमकी
उज्जैन, मध्यप्रदेश: उज्जैन में एक 76 वर्षीय रिटायर्ड अफसर से ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने खुद को पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर बुजुर्ग को पोर्न वीडियो और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी। बुजुर्ग दंपती को तीन दिन तक मानसिक रूप से आतंकित किया गया और इसी दौरान उनके खातों से बड़ी रकम ट्रांसफर करवा ली गई।
कैसे हुआ धोखाधड़ी का शिकार:
पुलिस के अनुसार, मंगल कॉलोनी निवासी रविंद्र कुलकर्णी, जो हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड से मैनेजर के पद से रिटायर्ड हैं, 10 सितंबर को एक अज्ञात कॉल से परेशान हो गए। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और आरोप लगाया कि कुलकर्णी के खिलाफ मुंबई के तिलकनगर थाने में पोर्न वीडियो से संबंधित मामला दर्ज है।
इसके बाद एक और कॉल आया जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई के अंधेरी थाने का एसआई हेमराज कोली बताया। उसने धमकी दी कि कुलकर्णी का नाम मनी लॉन्ड्रिंग और पोर्न वीडियो केस में जुड़ा हुआ है, और यदि वह सहयोग नहीं करेंगे, तो उन्हें तीन साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
धमकियों से आतंकित दंपती:
धमकियों से डरकर कुलकर्णी और उनकी पत्नी अनामिका तीन दिन तक घर में बंद रहे। उन्हें किसी से भी बातचीत करने या मदद मांगने से रोका गया। इस दौरान लगातार फोन पर धमकियां देकर उनसे पैसे मांगे जाते रहे।
डर और मानसिक दबाव में आकर, कुलकर्णी ने 11 से 13 सितंबर के बीच अपने और अपनी पत्नी के बैंक खातों से कुल 2.55 करोड़ रुपये आरोपियों के खातों में ट्रांसफर कर दिए।
बैंक खातों की जांच:
मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने बैंक से जानकारी जुटाई और पाया कि कुलकर्णी के ट्रांसफर किए गए पैसे चार अलग-अलग राज्यों के खातों में जमा किए गए। इन खातों में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक के खाते शामिल हैं। एक ही दिन में तीन करोड़ रुपये तक का ट्रांजेक्शन किया गया था। पुलिस ने इन सभी बैंक खातों को सीज कर दिया है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई:
रविंद्र कुलकर्णी ने 20 सितंबर को माधव नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने रविवार रात मामला दर्ज किया। पुलिस अधिकारी सीएसपी दीपिका शिंदे के अनुसार, मामले में धोखाधड़ी के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। आरोपियों को ट्रैक करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस साइबर सेल की मदद ले रही है।
सावधान रहें:
इस घटना ने एक बार फिर से साइबर अपराधों के खतरों को उजागर किया है, जहां बुजुर्ग और अन्य लोग आसानी से धोखेबाजों के निशाने पर आ जाते हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश पर बिना जांच किए प्रतिक्रिया न करें, और तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचित करें।
निष्कर्ष:
यह घटना दिखाती है कि डिजिटल अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस जांच कर रही है, और उम्मीद है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।