इंसपेक्टर के साथ पकड़ी गई थी थाना प्रभारी, ACP की जाँच पूरी 11 दोषी
उत्तर प्रदेश के आगरा में इंस्पेक्टर शैली राणा से मारपीट के मामले में जांच पूरी हो गई है। इसमें 11 पुलिसकर्मी अनुशासनहीनता सहित अन्य आरोप के दोषी पाए गए हैं। वहीं घटना में थाना पुलिस की संलिप्तता भी मिली है। एसीपी ने जांच रिपोर्ट डीसीपी को सौंपी है। थाना रकाबगंज स्थित सरकारी आवास में शनिवार को प्रभारी निरीक्षक शैली राणा के साथ इंस्पेक्टर पवन पकड़े गए थे। दोनों को पीटा गया था। पवन की पत्नी गीता और उनके भाई सहित अन्य पर पिटाई का आरोप है। घटना के वीडियो वायरल हुए थे। पुलिस ने गीता, उनके भाई ज्वाला सिंह और भाभी सोनिका को जेल भेजा था।
मूकदर्शक बनकर तमाशा देखने वाले रकाबगंज के आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इनमें दो को निलंबित तो छह को लाइन भेजा गया था। प्रकरण की जांच एसीपी सदर डॉ. सुकन्या शर्मा कर रही थीं। उन्होंने थाने में तैनात कई पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए। इसके अलावा इंस्पेक्टरों से भी जानकारी ली।
कई तथ्य आए सामने
जांच में कई तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट डीसीपी को सौंप दी है। सूत्रों ने बताया कि जांच में तीन और पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाया गया है। घटना के बाद मूकदर्शक बने पुलिसकर्मियों को अकर्मण्यता, अनुशासनहीनता और गोपनीयता भंग करने का दोषी माना गया है। यह भी सामने आया कि पवन की पत्नी को बुलाया गया था। इसके बाद घर भी दिखाया गया। वीडियो बनाने के भी इंतजाम भी किए गए थे।
मेडिकल अवकाश पर थे
इंस्पेक्टर पवन मुजफ्फर नगर से विजिलेंस स्थानांतरित होकर आए हैं। एक महीने से मेडिकल अवकाश पर चल रहे थे। वह घर से प्रयागराज जाने की कहकर आए थे। एक मोबाइल भी बंद कर लिया था। पत्नी से संपर्क नहीं कर रहे थे। इस पर उनकी पत्नी भी नजर रखे हुए थीं। पत्नी गीता परिजन के साथ आई थीं। इसके बाद बवाल हुआ था।