MP: परियोजना प्रशासन (सीपीए) के पुनर्जीवन की तैयारी CM का फरमान

MP: परियोजना प्रशासन (सीपीए) के पुनर्जीवन की तैयारी CM का फरमान

भोपाल।  राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) को दो साल पहले एक अधिकारी की जिद के कारण बंद कर दिया गया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर इसे पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीपीए, जिसने कभी भोपाल शहर को उसकी सुंदरता दी थी, उसके बंद होने के बाद पिछले डेढ़ साल से शहर की सूरत बदल गई है।

सीपीए के बंद होने का असर
शहर की मुख्य सड़कों की बदहाली अब सीपीए के न होने की गवाही देती है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे, उजड़ते हुए पार्क और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ने शहर की खूबसूरती को समाप्त कर दिया है। आए दिन दुर्घटनाओं को न्यौता देने वाली ये समस्याएं शहरवासियों के लिए गंभीर परेशानी बन गई हैं।

सीपीए को बंद करने का निर्णय
सीपीए को बंद करने का फैसला वर्ष 2021 में लिया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि राजधानी की सड़कों की देखरेख एक या दो एजेंसियों के पास ही होनी चाहिए। शिवराज सिंह ने सीपीए को गैरजरूरी बताते हुए इसे बंद करने का आदेश दिया था, और 2022 में इसे आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया था।

सीपीए की पुनर्स्थापना की योजना
अब, शहर की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सीपीए को पुनर्जीवित करने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि जिस अधिकारी की जिद के कारण सीपीए को बंद किया गया था, वह अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

सीपीए का इतिहास
सीपीए की स्थापना 1960 में आवास एवं पर्यावरण विभाग के अंतर्गत की गई थी। इसका मुख्य कार्य भोपाल शहर की सड़कों का निर्माण और रखरखाव करना था। इसके अतिरिक्त, उद्यान, बिल्डिंग निर्माण, पुल-पुलियाएं बनाने जैसे कार्य भी इस विभाग के जिम्मे थे। सीपीए ने नए मंत्रालय एनेक्सी और वीआईपी रोड जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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