प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नहीं कर पा रहा प्रदूषण को नियंत्रित, मनमाफिक बिल और रस्मअदायगी जारी
सागर। संभाग के अंतर्गत आने वाले स्टोन क्रशर ,अस्पताल होटल सहित विभिन्न निर्माण इकाई द्वारा लगातार वायु जल एवं ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है लेकिन संभागीय मुख्यालय सागर में स्थित प्रदूषण विभाग के आला अधिकारी एवं क्षेत्रीय अधिकारी इस सब की अनदेखी कर रहे हैं जिसमे निहित स्वार्थ भी छिपा होने की खबर हैं।
जिसके चलते लगातार गर्मी/प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। नियमों का पालन करने का कार्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का होता है सतत रूप से निरीक्षण कर प्रदूषण को नियंत्रित करने का कार्य ही बोर्ड द्वारा किया जाता है लेकिन लगातार स्टोन क्रशर के द्वारा मापदंडों का पालन न करते हुए उत्खनन किया जा रहा है, गिट्टी एवं डस्ट के उत्पादन के दौरान नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। इसी प्रकार शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में लगे उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण फैलाया जा रहा है लेकिन अधिकारी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा। सागर जिले के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विकासखंडों में डामल प्लांट द्वारा लगातार धुआं उड़ाया जा रहा है जिसके चलते वायु प्रदूषण फैल रहा है। निजी चिकित्सालय द्वारा जैविक कचरे का प्रबंध भी नहीं किया जा रहा लेकिन अधिकारी द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं है। वह केवल कार्यालय में बैठकर ही अपनी औपचारिकताएं पूरी करते हैं एवं कागजों पर भी प्रदूषण को खत्म करने एवं प्रदूषण को रोकने का काम करते हैं, यदि कोई अनुमति आती है तो उसकी अनुमति तो मिल जाती है लेकिन मौके पर पहुंचकर उसका सतत रूप से निरीक्षण नहीं किया जाता कि क्या वास्तव में जो आवेदन के अनुसार अनुमति दी गई है उसका पालन हो रहा है या नहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अनुमति देने के बाद भूल जाते हैं जिसके चलते लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है और जिन अधिकारियों पर प्रदूषण नियंत्रण करने का दायित्व है वह केवल अपने कागजी औपचारिकता में लगे रहते हैं। जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारी द्वारा कहीं भी कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है बेधड़क होकर मार्केट में पॉलिथीन बैग का उपयोग किया जा रहा है होटल एवं रेस्टोरेंट द्वारा अनुमति के बाद भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमुख कार्य प्रदूषण को नियंत्रित करना है। पर्यावरण को स्वच्छ बनाना है प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम एवं नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने हेतु नीति निर्धारण तथा क्रियान्वयन करना है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन चेतना जागृत कर जन सहयोग प्राप्त करना है।प्रदूषण कार्य उद्योग संस्थाओं के विरुद्ध नियम अनुसार कार्यवाही करना है। लेकिन आज की स्थिति में देखा जाए तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी द्वारा प्रदूषण फैलाने वाली इकाई पर कार्रवाई न करते हुए केवल औपचारिक कार्यवाहियां कभी कबार की जा रही है जिसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहा है।
ख़बर गजेंन्द्र ठाकुर- 9302303212