Modi के भाषण देते समय उन्हें एकटक क्यों देख रही थीं जॉर्जिया मेलोनी?, मेलोडी, फिर से दुनियाभर में कर रहा ट्रेंड
पीएम नरेंद्र मोदी ने इटली के बारी में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और अपने संबोधन के माध्यम से दुनिया को कई अहम संदेश भी दिये। देखा जाये तो दुनिया के शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति वाले इस शिखर सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की मुलाकात पर टिकी हुई थीं।
जॉर्जिया ने इस बार जी-7 शिखर सम्मेलन में आये मेहमानों का जब नमस्ते कर अभिवादन किया तो सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मित्रता के चलते अब वह भारतीय संस्कारों को भी अपना रही हैं। मोदी इटली पहुँचे तो जॉर्जिया ने जिस गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया वह देखने लायक था। जी-7 शिखर सम्मेलन की कवरेज के लिए इटली पहुँचे दुनिया के तमाम कैमरामैनों के लैंस उस मुलाकात का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे जिस पर दुनिया की नजरें टिकी हुईं थीं और आखिरकार वह पल आ गया जब मोदी और जॉर्जिया की मुलाकात हुई। जी-7 शिखर सम्मेलन में नेताओं के संबोधन इस समय दुनिया भर में चर्चा का विषय भले नहीं बने हों लेकिन मोदी-मेलोनी यानि मेलोडी की मुलाकात के वीडियो लोग बार-बार प्ले कर देख रहे हैं। लोग देख रहे हैं कि जब मोदी भाषण दे रहे थे तब मेलोनी उन्हें एकटक देखे जा रही थीं। लोग देख रहे हैं कि कैसे मेलोनी मौका पाकर मोदी के साथ मुस्कुराते हुए सेल्फी ले रही थीं। सोशल मीडिया पर लोग मेलोडी की दोस्ती को तमाम तरह के नाम दे रहे हैं। हम आपको यह भी बता दें कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में मोदी की जीत के बाद उन्हें सबसे पहले बधाई देने वाले विदेशी नेताओं में मेलोनी शामिल थीं। मोदी-मेलोनी मुलाकात के बाद से मेलोडी शब्द दुनियाभर में टॉप ट्रेंड में बना हुआ है।
मोदी-मेलोनी मुलाकात
जहां तक मोदी और मेलोनी की मुलाकात की बात है तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी इतालवी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी ने इस दौरान द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे सहित वैश्विक मंचों तथा बहुपक्षीय प्रस्तावों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। हम आपको बता दें कि मोदी की दक्षिणी इटली के अपुलिया की एक दिवसीय यात्रा के अंत में शुक्रवार को दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए इटली की प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। विदेश मंत्रालय ने बैठक के बारे में जारी विज्ञप्ति में कहा कि नेताओं ने खुले एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई तथा भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे पर भी चर्चा की। क्षेत्र में चीन की आक्रामक गतिविधियों के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा, ”दोनों नेता मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को पूरा करने की खातिर तैयार रूपरेखा के तहत क्रियान्वित की जाने वाली संयुक्त गतिविधियों के लिए तत्पर हैं।” विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की तथा भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे सहित वैश्विक मंचों और बहुपक्षीय प्रस्तावों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। हम आपको बता दें कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) परियोजना के तहत सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन तंत्र की परिकल्पना की गई है ताकि एशिया, पश्चिम एशिया और पश्चिम के बीच जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सके। आईएमईसी को समान विचारधारा वाले देशों द्वारा चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के समक्ष रणनीतिक प्रभाव हासिल करने की पहल के रूप में भी देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीआरआई एक विशाल संपर्क परियोजना है जो चीन को दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ती है। पिछले वर्ष दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आईएमईसी को अंतिम रूप दिया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, ”दोनों नेताओं ने नियमित राजनीतिक संवाद पर संतोष व्यक्त किया और भारत-इटली सामरिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। बढ़ते व्यापार और आर्थिक सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा, विनिर्माण, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, कृत्रिम मेधा और महत्वपूर्ण खनिजों में वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार करने का आह्वान किया।” विज्ञप्ति में कहा गया, ”इस संदर्भ में, उन्होंने औद्योगिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर हाल ही में हुए समझौता ज्ञापन का स्वागत किया। यह अधिकार पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क पर सहयोग के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।” विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की तथा रक्षा-औद्योगिक सहयोग को और बढ़ाने की आशा व्यक्त की। नेताओं ने इस वर्ष के अंत में इतालवी विमानवाहक पोत आईटीएस कैवूर और प्रशिक्षण पोत आईटीएस वेस्पुची की भारत यात्रा का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इतालवी अभियान में भारतीय सेना के योगदान को मान्यता देने के लिए इटली सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत इटली के मोंटोन में यशवंत घाडगे स्मारक का उन्नयन करेगा। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि ‘वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन’ के तहत समन्वय पर गौर करते हुए नेताओं ने ऊर्जा परिवर्तन में सहयोग के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर का स्वागत किया जिससे स्वच्छ और हरित ऊर्जा में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के वास्ते 2025-27 के लिए सहयोग के नए कार्यक्रम पर प्रसन्नता व्यक्त की।
मोदी की अन्य मुलाकातें
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अन्य महत्वपूर्ण मुलाकातों की बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा से मुलाकात की और कहा कि शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत तथा जापान के बीच मजबूत संबंध महत्वपूर्ण हैं। मोदी और किशिदा दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए। प्रधानमंत्री ने किशिदा के साथ बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर कहा, ”शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए भारत तथा जापान के बीच मजबूत संबंध महत्वपूर्ण हैं।” मोदी का यह बयान क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार तथा अपना वर्चस्व बढ़ाने की कोशिशों के बीच आया है। उन्होंने कहा, ”हमारे देश रक्षा, प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। हम बुनियादी ढांचे तथा सांस्कृतिक संबंधों में भी रिश्तों को आगे बढ़ाना चाहते हैं।”
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सहित कई विश्व नेताओं से मुलाकात की। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी बातचीत की कुछ तस्वीरों के साथ एक पोस्ट में कहा, “राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। भारत और अमेरिका वैश्विक कल्याण के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।” मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो से भी मुलाकात की। ट्रूडो द्वारा पिछले साल कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों के शामिल होने का दावा किए जाने के बाद यह दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। कनाडा ने इस मामले के सिलसिले में चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”जी7 शिखर सम्मेलन में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की।” ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव आ गया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया था।
प्रधानमंत्री के कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस के साथ उनकी “सार्थक बैठक” हुई। मोदी ने तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, “भारत जॉर्डन के साथ मजबूत संबंधों को महत्व देता है।” हम आपको बता दें कि शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन के अंत में जारी बयान में सात औद्योगिक देशों के समूह ने शुक्रवार को भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) जैसे ठोस बुनियादी ढांचे की पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। जी-7 ने कानून के शासन के आधार पर “स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत” के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। बयान में कहा गया है, “साझा जिम्मेदारी की भावना से, हम अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, भारत, जॉर्डन, केन्या, मॉरिटानिया, ट्यूनीशिया, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं की भागीदारी का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं।” शिखर सम्मेलन के एजेंडे की अन्य प्राथमिकताओं के अलावा, बयान में रूस के साथ चल रहे संघर्ष में यूक्रेन को “मजबूत समर्थन” दिया गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने साधनों के भीतर हरसंभव प्रयास करना जारी रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शांति का रास्ता ”बातचीत और कूटनीति” से होकर गुजरता है। प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की से कहा कि भारत ”मानव-केंद्रित” दृष्टिकोण में विश्वास करता है। दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट एवं स्विट्जरलैंड की मेजबानी में आयोजित किये जा रहे शांति शिखर सम्मेलन के संबंध में विचारों का आदान-प्रदान किया। मोदी ने जेलेंस्की के साथ बैठक को ”बहुत उपयोगी” बताया और कहा कि भारत, यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को ”और मजबूत” करने के लिए उत्सुक है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ बैठक शानदार रही। यह एक साल में उनकी चौथी मुलाकात थी। उन्होंने रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सामरिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ बैठक शानदार रही। एक साल में यह हमारी चौथी बैठक है, जो इस बात का संकेत है कि हम मजबूत भारत-फ्रांस संबंधों को कितनी प्राथमिकता देते हैं।” उन्होंने लिखा, “हमारे बीच रक्षा, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, एआई, ब्लू इकोनॉमी और अन्य कई विषयों पर चर्चा हुई। हमने इस बात पर भी चर्चा की कि युवाओं के बीच नवाचार व अनुसंधान को कैसे प्रोत्साहित किया जाए।”
मोदी का संबोधन
जहां तक प्रधानमंत्री के संबोधन की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने जी-7 शिखर सम्मेलन के एक संवाद सत्र में अपने संबोधन के दौरान लोकसभा चुनावों को लेकर कहा कि भारत के लोगों ने चुनावों में ऐतिहासिक जीत के रूप में जो ”आशीर्वाद” दिया है, वह ”लोकतंत्र की जीत” है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारत में दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विशाल पैमाने को रेखांकित करने के लिए कुछ आंकड़े भी साझा किए। उन्होंने कृत्रिम मेधा, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर एक संवाद सत्र को संबोधित किया। इस सत्र को पोप फ्रांसिस सहित अन्य देशों के नेताओं ने भी संबोधित किया। मोदी ने कहा, ”पदभार संभालने के कुछ ही दिनों बाद, मित्रों, मैं आपके बीच उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्न हूं।”