जल स्त्रोतों के जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए एकजुट होना होगा – मंत्री श्री पटेल

जल स्त्रोतों के जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए एकजुट होना होगा – मंत्री श्री पटेल

जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत मंत्री श्री पटेल ने किया पौध-रोपण
सागर।
जीवन के लिए पानी जरूरी और पानी के लिए वृक्ष जरूरी इसलिए एक वृक्ष जरुर लगाएं जल स्त्रोतों के जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए एकजुट होना होगा। उक्त विचार पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम विभाग मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सागर जिले के देवरी विकासखण्ड के व्यारमा नदी के उद्गम स्थल पर भरईनाला जनपद पंचायत देवरी सागर में जल गंगा संवर्धन अभियान पर स्थानीय जनसमुदाय से चर्चा और वृक्षारोपण“ एवं तीतरपानी-महाराजपुर बायापास-रसेना-सहजपुर-केसली सुनार नदी के उद्गम स्थल, खैरा की पहाड़ी, ग्राम घाना, जनपद पंचायत केसली, सागर में जल गंगा संवर्धन अभियान पर स्थानीय जनसमुदाय से चर्चा और वृक्षारोपण“ कार्यक्रम में व्यक्त किए।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हीरा सिंह राजपूत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री देवेंद्र सिंह, श्रीमती उषा श्रीवास्तव, श्री उमेश श्रीवास्तव, श्री सर्वजीत सिंह, श्री गोविंद सिंह खेड़ा, श्री देवेंद्र फ़ुशकेले, श्रीमती प्रीति बाई आदिवासी, अपर कलेक्टर श्री रुपेश उपाध्याय, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पीसी शर्मा, जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रतिष्ठा जैन, श्री सर्वेस सोनी सहित अन्य जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय सहित ग्रामवासी मौजूद थे।

पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि “मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार जल नमामि गंगे अभियान में प्रदेश में जल स्त्रोतों तथा नदी, तालाबों, कुओं, बावड़ियों तथा अन्य जल स्त्रोतो के जल संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये 16 जून तक विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। हम अपने पुरखों के अनुभव और उनके दूरदर्शी विचारों पर गौर करें। गंगा दशहरा के पहले किसान बंधु मेढ़ बंधान एवं खेती किसानी के लिये जो आवश्यक तैयारियां करना है वो पहले कर लेते हैं। क्योंकि उन्हें मालूम है कि बरसात आयेगी, तब हम कुछ नहीं कर पायेगें। यह हमारे पुरखों- बुजुर्गों की सोच थी। हमें भी अपनी भावी पीढ़ी के बारे में सोचना होगा।”

मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि प्रकृति की चिंता हम सबको करना चाहिए। जिससे प्रगति आप सभी को पानी हवा दे सके। उन्होंने कहा कि सागर एवं दमोह जिले के निवासियों के लिए सोन नदी का पानी सुख समृद्धि लाने का कार्य करती है हमें इसकी पूजा करना होगी। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मुझे बचपन से ही जंगलों में घूमने की आदत है जिससे कि मुझे जंगल के बारे में जानकारी है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि हम सभी को पंच से लेकर बड़े-बड़े राजनेता अधिकारियों को जल स्रोतों को संरक्षित एवं संवर्धन करने का कार्य करना चाहिए जिससे कि हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा और हमारे पशु पक्षी भी सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी को वृक्ष लगाने का कार्य करना चाहिए किंतु पौधा रोपण वही करें जहां पानी हो और इससे हमारा पानी भी बचेगा और हमारे वृक्ष भी बड़े होंगे इसलिए पौधा रोपण स्थान और जगह देखकर ही करें। हम दिन- रात जिस तरीक़े से प्रकृति का दोहन कर रहे हैं, यह हम सबके लिए खतरनाक है। यदि हम अच्छा काम करेंगे, तो उसका लाभ हमारे बच्चों को मिलेगा। हम क्या करना चाहते हैं यह हमें तय करना पड़ेगा।

पंचायत मंत्री श्री पटेल ने सिगनी नदी के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि पानी के बगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। अधिक लालच भावी पीढ़ी का भविष्य नष्ट कर देगा। सींगरी नदी के स्रोत को बचाने के लिए कोशिश की गई थी। सींगरी नदी में पानी बहता रहे, इससे ज़्यादा आनंद की अनुभूति और क्या होगी। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जल स्रोतों के पास कौन से पौधे लगाये जायें, जो जल के स्रोत को प्रवाहमान बनाये रख सकें इसके लिए हमें उन पौधों की जानकारी भी हो। ऐसी सूची बनाकर लोगों तक पहुँचाएँ, जिससे लोगों को पता चल सके। बरसात के पानी का संरक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता है। यह भू-जल स्तर वृद्धि में सहायक सिद्ध होगा।

आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति की मंत्री ने की सराहना

आदिवासी बहुलक्षेत्र केसली के ग्राम कुल डोंगरी में मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पहलाद सिंह पटेल के कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय ने आदिवासी नृत्य शेर की प्रस्तुति की जिस पर न केवल मंत्री ने सराहना की बल्कि बड़ी संख्या में मौजूद जनसमुदाय ने भी तालिया की गड़गड़ाहट से आदिवासी समुदाय का उत्साह वर्धन किया।

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