सामूहिक प्रयास और श्रमदान से बदली नदियों-तालाबों की तस्वीर
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में प्रारंभ हुए जल गंगा संवर्धन अभियान में जल स्रोतों के संरक्षण और स्वच्छता के साथ-साथ इन स्थानों पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जल संवर्धन पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन नदी एवं तालाबों के घाट पर किया जा रहा है। जल गंगा संवर्धन अभियान का मुख्य उद्देश्य जल संरचनाओं को व्यवस्थित करना, तालाबों, कुण्डों, बावडी के पानी का संरक्षण एवं घाटों की सफाई करना है।
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत मध्यप्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों में रंगोली, वॉल पेंटिंग, ऐतिहासिक महत्व की बावडियों का रंग-रोगन, बोरवेल के आस-पास वाटर हार्वेस्टिंग, विद्यार्थियों द्वारा निबंध लेखन, स्लोगन लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिता तथा नाले-नालियों की साफ-सफाई के साथ ही उनके आस-पास के अतिक्रमण को हटाने का कार्य किया जा रहा है। गौरतलब है की 5 जून से 12 जून तक प्रदेश में लगभग एक लाख 80 हजार नागरिकों के श्रमदान से जल संरचनाओं के किनारे लगभग 36 लाख पेड़ लगाये गये। जल संरचनाओं में 30 लाख घन मीटर पानी का क्षमतावर्धन किया गया। जल संरचनाओं से 2 लाख घन मीटर गाद भी निकाली गई।