Sagar news : बरोदिया नौनागिर हत्याकांड मामले में भीम आर्मी चीफ पहुंचे पीड़ितों के बीच, सीबीआई जांच की मांग की 

Sagar news : बरोदिया नौनागिर हत्याकांड मामले में भीम आर्मी चीफ पहुंचे पीड़ितों के बीच, सीबीआई जांच की मांग की 

सागर। मध्यप्रदेश के सागर के बहुचर्चित बरोदिया नोनागिर दलित हत्याकांड के पीड़ितो से आज भीम आर्मी चीफ (Bhim Army Chief) चंद्रशेखर आजाद रावण (Chandrashekhar Azad Ravan) ने मुलाकात कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। भीम आर्मी प्रमुख सबसे पहले मृतिका अंजना अहिरवार के घर पर पहुंचे। अंजना अहिरवार के दोनों भाइयों, माता-पिता से चर्चा की। परिवार ने घटना से संबंधित वीडियो और आवेदन दिखाए। इसके बाद उन्होंने मांग रखी कि पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी सीबीआई जांच कराने ,पीड़ित परिवार को 50 लाख की राशि देने , पीड़ितो की सुरक्षा आदि मिले। यदि इन मांगो को 15 दिन में पूरा नहीं किया गया तो 21 जून से सागर में धरना दिया जाएगा । इसमें देशभर से लोगो प्रदर्शन में शामिल होंगे।

प्रशासन ताकतवर के साथ

भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि तीनो की मौत और उसके दोषियों पर कार्यवाई करने में प्रशासन ताकतवर लोगो के साथ खड़ा रहा। पुलिस ने सुरक्षा देने की बजाय पीड़ितो और उनके मदद करने वालो को परेशान करता रहा। पूरा सिस्टम आरोपियों के पक्ष में खड़ा रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता आए उन्होंने सीबीआई जांच की मांग करके चले गए।यदि सही हितेषी थे तो मांग पूरी करवाने के लिए धरना प्रदर्शन करते है। इसके बाद सीएम मोहन यादव आए । में उनकी हिम्मत की तारीफ करता हूं कि उन्होंने सामना किया। लेकिन सीएम ने सही कारवाई की होती तो शायद मुझे नही आना पड़ता।

मांगो को लेकर दिया ज्ञापन

भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आजाद ने इस मामले में निष्पक्ष सीबीआई जांच कराने, पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, पीड़ित परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी देने, मृतक राजेंद्र अहिरवार के परिवार को सागर जिले में आवासीय भूमि या मकान देने सहित शस्त्र लाइसेंस देने की मांग की है। इस संबंध में राज्यपाल के नाम का ज्ञापन खुरई एसडीओपी सचिन परते और एसडीएम रवीश श्रीवास्तव को सौंपा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को मुट्ठी बंधवाकर सागर में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने और अपने साथ अन्य साथियों को लाने का संकल्प दिलाया

पिछले 25 मई को मर्डर के गवाह के साथ दूसरे पक्ष के लोगों ने मारपीट की थी। जहां इलाज के दौरान राजेंद्र अहिरवार की जान चली गई थी। इसके बाद जब उसे पोस्टमार्टम के बाद वापस घर बॉडी को ले जा रहे थे तो रास्ते में मुंह बोली भतीजी अंजना अहिरवार भी एंबुलेंस से कूद गई थी। जिससे मौके पर ही उसकी जान चली गई थी। इसी मामले में सागर से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमाई हुई है। चंद्रशेखर से पहले यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पहुंच चुके हैं।

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