MP: लोकयुक्त की टीम ने तहसील में पदस्थ 2 बाबू को रिश्वत लिए पकड़ा
जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने गोरखपुर तहसील में पदस्थ दो बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी बाबू का नाम अशोक रजक ग्रेड-2 और ऋषि पांडे है जिन्होंने कि प्लाट का नामांतरण कराने के लिए सच्चिदानंद गोस्वामी से 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी, बाद में मोल भाव 10 हजार रुपए में तय हुआ। सोमवार की शाम को लोकायुक्त पुलिस ने दोनो बाबूओं को उनके ही कार्यालय में रंगे हाथों पकड़ा। लोकायुक्त की कार्रवाई से तहसील में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि दोनों बाबू की स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों से भी इनके बर्ताव को लेकर शिकायत की थी। सच्चिदानंद गोस्वामी जो कि एडवोकेट है। उनकी सास श्यामा पुरी गोस्वामी के नाम पर जबलपुर के गंगा नगर में एक प्लाट है। उस प्लाट का नामांतरण करवाने के लिए सच्चिदानंद ने गोरखपुर तहसील में आवेदन किया था। आवेदन की फाइल यहां से वहां घूम रही थी, पर नामांतरण नहीं हो रहा था। सच्चिदानंद ने अशोक रजक से जब संपर्क किया तो उन्होंने ऋषि पांडे के पास भेज दिया, पर वहां से भी काम नहीं हुआ। कुछ दिन पहले सच्चिदानंद ने अशोक से प्लाट नामांतरण को लेकर फिर से मुलाकात की, जहां दोनों बाबू ने 25 हजार रुपए की मांग की। बाद में सौदा 10 हजार रुपए में तय हो गया। अशोक रजक का कहना था कि पैसे दे दो, जल्द से जल्द नामांतरण हो जाएगा। परेशान एडवोकेट ने लोकायुक्त से की शिकायत
सच्चिदानंद गोस्वामी नामांतरण की फाइल लेकर एक माह से यहां-वहां घूम रहा है, पर उसका काम नहीं हुआ। बाबू अशोक रजक से मुलाकात कि तो उनसे रिश्वत की मांग कि, परेशान एडवोकेट ने जबलपुर लोकायुक्त पुलिस से शिकायत की। जबलपुर एसपी ने शिकायत का सत्यापन करवाया। सोमवार की शाम करीब तीन बजे जैसे ही सच्चिदानंद गोस्वामी रिश्वत के पैसे लेकर गोरखपुर तहसील पहुंचा तो अशोक और ऋषि साथ में बैठे हुए थे। जैसे ही रुपए लिए तो लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जबलपुर लोकायुक्त डीएसपी नीतू त्रिपाठी ने बताया कि एडवोकेट सच्चिदानंद गोस्वामी ने दोनों बाबू की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत की जांच करवाई और नहीं पाया, जिसके बाद आज दोनों बाबू को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। कार्रवाई के बाद दोनों को मुचलके पर जमानत दे दी गई है।